राजगढ़। राजगढ़ एक ऐसा जिला है जहां के कर्मचारियों को राजनीति खूब पसंद आती है। यहां के छह कर्मचारी नौकरी छोड़कर बतौर विधायक सदन में पहुंचे। जबकि दो अन्य भाजपा जिलाध्यक्ष व महामंत्री बनकर संगठनात्मक क्षमता दिखा रहे हैं। इतना ही नहीं एक कर्मचारी की पत्नी विधानसभा चुनाव लड़ीं तो अब कर्मचारी पति भी नौकरी छोड़कर राजनीति के मैदान में उतर गए हैं।
वर्तमान में सारंगपुर विधायक कुंवर कोठार, पूर्व विधायकगण रघुनंदन शर्मा, मोहन शर्मा, हजारीलाल दांगी, हरिचरण तिवारी व पूरसिंह पंवार शामिल हैं। जबकि दिलवर यादव व देवीसिंह सौंधिया नौकरी छोड़कर भाजपा जिलाध्यक्ष-महामंत्री बन चके।
नौकरी छोड़ राजनीति में रखा कदम
उधर महेश मालवीय ने नौकरी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया। इसमें कुंवर कोठार 2013 तक जलसंसाधन विभाग भोपाल में ईई के पद पर पदस्थ थे। 29 साल सरकारी नौकरी की।
दो बार बीजेपी विधायक बने रघुनंदन शर्मा
रघुनंदन शर्मा लिपिक थे। राजनीति में आए तो भाजपा से दो बार के विधायक चुने गए। पूरसिंह पंवार ने पटवारी की नौकरी छोड़ी और भाजपा से विधायक बने।
इसी तरह मोहन शर्मा ने भूमि विकास बैंक की नौकरी से विधानसभा तक की यात्रा तय की थी। हजारीलाल दांगी शिक्षक थे। वह दो बार विधायक रहे। पंडित हरिचरण तिवारी ने विपणन की नौकरी छोड़ी और विधायक बने।