डुमरांव (बक्सर)। बिहार के बक्सर में बुधवार रात को आनंद विहार से रघुनाथपुर जा रही ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो गई। ट्रेन की 21 बोगियां बेपटरी हो गई। वहीं, हादसे में अब तक छ लोगों की मौत हो गई हैं, अब तक इस दुघर्टना मे 100 से अधिक लोग घायल हैं।
हादसे के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट कर कहा, “बक्सर डिरेलमेंट साइट पर युद्ध स्तर पर बचाव कार्य चल रहा है। NDRF, SDRF, जिला प्रशासन, रेलवे अधिकारी और स्थानीय निवासी सभी एक टीम के रूप में काम कर रहे हैं। घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया है। वार रूम संचालित हो रहा है। जल्द ही बचाव कार्य पूरा कर लिया जाएगा। बचाव कार्य के तुरंत बाद ट्रैक का बहाली कार्य शुरू किया जाएगा।”
राहत और बचाव के लिए पहुंचे हजारों युवा
लेकिन, इन सबसे इतर इस भीषण हादसे के बाद सबसे पहले मौके पर स्थानीय लोग मदद के लिए पहुंचे। “डीडीयू दानापुर रेलखंड पर बक्सर के रघुनाथपुर में ट्रेन हादसा हुआ है, मानवता के नाते घायलों को राहत पहुंचाने की आवश्यकता है।” जिला प्रशासन के विभिन्न ग्रुप में व्हाट्सएप पर ये मैसेज आया और हजारों युवा राहत और बचाव कार्य के लिए पहुंच गए। यहां सहयोग करने वालों की भीड़ देखकर जिला प्रशासन और डॉक्टर्स भी हैरान रह गए।
यात्रियों की मदद कार्य में जुटे स्थानीय
स्थानीय बाजार के युवा, सामाजिक कार्यकर्ता और दुकानदार देवदूत बनकर यात्रियों की मदद कार्य में जुट गए। जिस जगह ये हादसा हुआ, वहां रघुनाथपुर बाजार स्थित है। यहां के लोग जब हादसे की आवाज सुनी तो वो तुरंत मौके पर पहुंच गए। कुछ इलाके के दूसरे गांवों से भी पहुंचे लोगों की मदद ली और अपने वाहनों से घायलों को अस्पताल पहुंचाना शुरू किया।
जब तक एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची, तब तक सैकड़ों लोगों की हाथ मदद के लिए पहुंच चुके थे। दरअसल, हादसा इतना भीषण था कि ट्रेन की कई बोगियां एक-दूसरे के ऊपर चढ़ गई थीं। वहां फंसे लोगों को निकालना मुश्किल भरा काम था। बचाव दल और स्थानीय लोग बिना झिझक बोगी पर चढ़ गए और अंदर से लोगों को रेस्क्यू करने लगे।
हादसे के तुरंत बाद पहुंचे लोग
स्थानीय युवा जितेंद्र कुमार बताते हैं कि ये रेल हादसा रघुनाथपुर स्टेशन के तीन नंबर प्लेटफॉर्म पर हुआ। घटना के बाद सैकड़ो की संख्या में स्थानीय युवक मौके पर पहुंच गए। जब उन्होंने देखा कि स्थिति बेहद भयावह है, तो उन्होंने व्हास्टऐप मैसेज के माध्यम से विभिन्न ग्रुपों में इसकी सूचना डालते हुए लोगों से सहयोग की अपील की गई।
ट्रेन के दरवाजे खोल कर घायलों को बाहर निकालना शुरू किया। पुलिस और अन्य बचाव दल के पहुंचने से पहले ही उन्होंने रेस्क्यू शुरू कर दिया। लोगों ने अपनी मोटर साइकिल और निजी संसाधनों की मदद से घायलों को अस्पताल पहुंचाना शुरू कर दिया और यात्रियों के परिजनों और बचाव कर्मियों के भोजन-पानी की व्यवस्था में लग गए। हजारों की संख्या में कार्यकर्ता भोजन और पानी पहुंचाने लगे।
धमाका, चीखने की आवाज…
रघुनाथपुर के युवा समाजसेवी विनोद कुमार ओझा बताते हैं कि मैं आवास पर बैठकर समाचार देख रहा था। मैंने अचानक जोरदार आवाज और उसके बाद लोगों के चीखने की आवाज सुनी। हम घटनास्थल की ओर दौड़े और हमने जो देखा, उसे देखकर हमारे रौंगटे खड़े हो गए।
समय बर्बाद किए बिना हम घायलों को बचाने में जुट गए। हमने पुलिस एवं रेलवे अधिकारियों को भी हादसे की जानकारी दी। आनंद विहार से कामाख्या तक सफर कर.रहे और ट्रेन हादसे में घायल अच्युत गोस्वामी, देवासी गोस्वामी, गौतम बोरा, जनार्दन गोस्वामी और त्रिदीप पाठक ने स्थानीय लोगों के सहयोग की सराहना किए।