प्रयागराज। साल की सबसे सनसनीखेज और चर्चित वारदात उमेश पाल हत्याकांड में एक और बात खास रही, वो ये कि शूटरों और साजिशकर्ताओं ने आपस में बातचीत के लिए कोडनेम रखे थे। आइफोन की आइडी भी इसी कोडनेम से बनाई थी। इनमें अतीक के चौथे नंबर के बेटे एहजम का कोडनेम था ठाकुर। मौजूदा समय में ठाकुर यानी एहजम छोटे भाई के साथ हटवा गांव के मकान में बुआ की सुपुर्दगी में है।
उमेश पाल कांड में उसकी भूमिका उजागर हो चुकी है लेकिन अभी उसे पुलिस की विवेचना में वांछित नहीं किया गया है। पुलिस अधिकारी कह रहे हैं कि अभी जांच हो रही है और बालिग हो चुके एहजम पर भी कानूनी शिकंजा कसा जा सकता है।
24 फरवरी को सुलेमसराय में हुए उमेश पाल शूटआउट के बाद पुलिस को जांच के दौरान अतीक अहमद के चकिया वाले मकान से एक स्कूल रजिस्टर मिला था। यह रजिस्टर था अतीक के चौथे नंबर के बेटे एहजम का। उस पर बड़े, छोटे, राधेश, ठाकुर, उल्लू, मुर्गी जैसे कई शब्द लिखे थे। जांच में पता चला कि ये कोडनेम थे जो इस साजिश में शामिल लोग फोन पर बातचीत में इस्तेमाल करते थे। इसके बाद पुलिस ने अतीक के वकील खान सौलत हनीफ को कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ की तो और भी जानकारी मिली।
उसने बताया कि साजिश में शामिल लोगों के लिए खरीदे गए आइफोन की क्लाउड आइडी एहजम ने बनाई थी। एहजम ने ही अतीक को बडे, अशरफ को छोटे, असद को राधे, गुलाम को उल्लू, वकील सौलत को एडवोकेट, गुड्डू मुस्लिम को मुर्गी, अरमान को बिहारी, विजय चौधरी को उस्मान कोडनेम दिया था। अपना कोडनेम उसने ठाकुर रखा। वह खुद को ठाकुर कहलाना पसंद करता रहा है।
यूं हत्याकांड में सीधे तौर पर तो एहजम की भूमिका नहीं उभरकर सामने आई है लेकिन आइफोन की आइडी तैयार करने और कोडनेम रचने के तौर पर उसका नाम जांच में आया है। धूमनगंज थाना प्रभारी राजेश मौर्या का कहना है कि अभी विवेचना जारी है। सामने आ रहे तथ्यों को ध्यान में रखा जा रहा है। अगर विवेचना में एहजम के विरुद्ध ठोस सुबूत मिलते हैं तो उसे भी साजिश रचने का आरोपी बनाया जा सकता है।
जुलूस के घुड़सवार समेत कई रडार पर
बाल गृह से बुआ की सुपुर्दगी में निकलने के बाद अतीक के दो बेटे कार में हटवा को रवाना हुए तो राजरूपपुर से ही दो दर्जन से ज्यादा बाइक और दूसरी गाड़ियों में बड़ी संख्या में समर्थक जुलुस की तरह आगे-पीछे लग गए थे। हटवा में तो एक लड़का घोड़े पर कार के बगल में चलने लगा। पता चला है कि यह लड़का घोडे से गिरकर घायल भी हो गया था। इस जुलूस की कई रील और वीडियो इंटरनेट मीडिया पर है। पुलिस गोपनीय तरीके से जुलूस निकालने वालों को चिन्हित कर रही है। कई के नाम-पते मालूम हो गए हैं। घुड़सवार समेत अन्य पर पुलिस सख्ती करेगी।
पुलिस पहरे में नजरबंद रहे दोनों
हटवा गांव के आखिरी में कछार के सामने अशरफ के साढ़ू अरशद के मकान में अतीक के चौथे और पांचवे नंबर के बेटे नजरबंद की तरह हैं। गुरुवार को भी वे घर के बाहर नहीं निकले। अंदर सीसीटीवी कैमरों और बाहर पुलिस का पहरा बना है। थानाध्यक्ष अजीत सिंह ने बताया कि दो सशस्त्र सिपाहियों की हर वक्त तैनाती है जबकि वह खुद भी दिन में दो-तीन बार हटवा में गश्त पर जा रहे हैं। एहजम और उसके भाई को घर से बाहर निकलने से पहले अनुमति लेनी होगी। पुलिस को बताना होगा कि कहां जाना है और क्यों।
अतीक अहमद गैंग चार्ट में जुड़े 58 और नाम
अतीक अहमद के आइएस-227 गिरोह में उमेश पाल हत्याकांड के बाद कई नाम काटे जा रहे हैं तो बहुत से नए नाम जोड़े भी गए हैं। अतीक अहमद के अंतरराज्यीय गिरोह के चार्ट में अभी सरगना अतीक सहित 133 नाम हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि उमेश पाल कांड की जांच के दौरान कई और नाम सामने आए हैं। कुछ इस घटना में शामिल रहे तो तमाम ऐसे रहे जो जमीन के कब्जे और रंगदारी वसूली में लिप्त रहे। ऐसे 58 नए सदस्यों के नाम गैंग चार्ट में जोड़ दिए गए हैं। इसके अलावा, ऐसे सदस्यों के नाम गैंग चार्ट से काटे जा रहे हैं जो बीमारी या किसी अन्य वजह से मर चुके हैं। अशरफ, गुलाम सहित ऐसे कई नाम हैं जो गैंग चार्ट से हटा दिए जाएंगे।