चंडीगढ़। पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में मुख्यमंत्री भगवंत मान की ओर से एसवाइएल पर खुली बहस के लिए दी गई चुनौती को सही तरीके से चलाने के लिए तीन सदस्यीय पैनल बनाने का प्रस्ताव दिया है।
जाखड़ ने ट्वीट कर कहा कि मौजूदा मुद्दों के महत्व को देखते हुए, और यह सुनिश्चित करने के लिए कि कि बहस बेतुके रंगमंच में न बदल दे, मैं एक 3-सदस्यीय पैनल का प्रस्ताव रखता हूं, जिसमें पूर्व सांसद डा धर्मवीर गांधी, पूर्व विधायक हरविंदर सिंह फुल्का और पूर्व विधायक कंवर संधू को शामिल किया जाए। ताकि बहस सही दिशा में जाए।
तीन प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों में निस्संदेह ईमानदारी है। चूंकि पंजाब के हितों के लिए उनकी चिंता सर्वविदित है, इसलिए मैंने तीनों सहमति के बिना भी उनके नाम प्रस्तावित करने की स्वतंत्रता ली है। यदि वे मेरे सुझाव से सहमत हैं और राज्य सरकार को कोई आपत्ति नहीं है, तो पंजाब से संबंधित मुद्दों पर बहस निश्चित रूप से समृद्ध और मजबूत होगी।
मान ने दी है चुनौती
ध्यान रहे कि एसवाईएल (सतलुज यमुना लिंक) नहर पर खींचतान के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भाजपा, शिअद और कांग्रेस को चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि लाइव आकर राज्य के सभी मुद्दों पर चर्चा करें। रोज-रोज के आरोप-प्रत्यारोप के बजाय पंजाब की जनता और मीडिया के सामने एक साथ आएं।
मान ने कहा था कि भाजपा प्रमुख जाखड़, अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल और कांग्रेस के राजा वडिंग-प्रताप बाजवा को मेरा खुला निमंत्रण है। एक बार आएं और मीडिया के सामने बैठकर चर्चा करें कि पंजाब को किसने लूटा। भगवंत मान ने कहा कि पारिवारिक संबंध, मित्र, टोल प्लाजा, युवा और किसान, व्यापार और दुकानदार, गुरुओं की शिक्षाएं, नहर का पानी जैसे मुद्दों पर चर्चा करें और इन सभी मुद्दों पर एक लाइव बहस करें।
विपक्षी दल कर रहे कार्रवाई की मांग
मान ने आगे कहा कि आप अपने साथ कागज भी ला सकते हो पर मैं मुंह ज़ुबानी बोलूंगा। 1 नवंबर ‘पंजाब दिवस’ वाला दिन ठीक रहेगा, आपको तैयारी के लिए समय भी मिल जाएगा। मेरी तो पूरी तैयारी है क्योंकि सच बोलने के लिए रट्टे नहीं लगाने पड़ते।
भाजपा प्रधान जाखड़ जी, अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल और कांग्रेस के राजा वडिंग-प्रताप बाजवा जी को मेरा खुला निमंत्रण है कि रोज-रोज की किच-किच के बजाय एक बार आएं। एसवाईएल के निर्माण के लिए कदम नहीं उठाने पर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को कड़ी फटकार लगाने के बाद विपक्षी दल तत्काल कार्रवाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।