लखनऊ। यूपी में हर साल करीब 14,700 बच्चे व किशोर कैंसर से ग्रस्त हो रहे हैं। ऐसे में कैंसर की स्क्रीनिंग से लेकर उपचार तक की सुविधाएं बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। शनिवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) और कैन किड्स, किड्स कैन संस्था ने कार्यशाला आयोजित की। कार्यशाला में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) स्तर पर उपचार और मुफ्त बस सेवा की सुविधा देने के प्रस्ताव पर मंथन किया गया।
होटल रेडिसन में आयोजित इस कार्यशाला में प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा कि कैंसर से ग्रस्त बच्चों व किशोरों में से मात्र 30 प्रतिशत तक ही उपचार केंद्र तक पहुंच पाते हैं। ऐसे में जांच केंद्र बढ़ाने और उन्हें अपग्रेड करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अगर मरीजों को सीएचसी स्तर पर फालोअप की सुविधा दिलाने पर जोर देना होगा।
मुफ्त बस सेवा की सुविधा
कार्यक्रम में एनएचएम के महाप्रबंधक डॉ. मनोज शुक्ला ने कहा कि हमें फ्रंटलाइन वर्कर्स की टीम तैयार करनी होगी, ताकि कैंसर की स्क्रीनिंग आसानी से हो सके। कार्यशाला में इस बात पर भी जोर दिया गया कि कैंसर ग्रस्त बच्चों व किशोरों को एक कार्ड जारी कर मुफ्त बस सेवा की सुविधा दिलाई जाए।
कार्यक्रम में कैन किड्स, किड्स कैन संस्था की अध्यक्ष पूनम बगई ने कहा कि उनकी संस्था ने वर्ष 2009 से उत्तर प्रदेश में कैंसर पीड़ित बच्चों व उनके परिवारों की मदद करना शुरू किया। अब तक 11 उपचार केंद्र, तीन देखभाल केंद्र और एक राज्य देखभाल समन्वय केंद्र में कैंसर पीड़ित बच्चों का उपचार व देखभाल की जा रही है। जल्द इसकी संख्या और बढ़ाई जाएगी। कार्यक्रम में महानिदेशक, परिवार कल्याण बृजेश राठौर आदि मौजूद रहे।