नई दिल्ली। वर्ल्ड कप में भारत ने पाकिस्तान को लगातार 8वीं बार धूल चटाई। बड़ी बाउंड्री, खतरनाक तेज गेंदबाजी आक्रमण और बाबर आजम की बल्लेबाजी का हौवा बौना साबित हुआ। भारतीय टीम ने गेंदबाजी और बल्लेबाजी का ऐसा अनोखा संगम दिखाया कि दुनियाभर में मौजूद 1.5 अरब से ज्यादा भारतीयों का सीना एक बार फिर गर्व से चौड़ा हो गया।
भारत के गेंदबाजों ने पहले पाकिस्तान को 42.5 ओवर में 191 रनों पर आलआउट किया और बाद में रोहित शर्मा (86) और श्रेयस अय्यर (नाबाद 53) के अर्धशतकों की मदद से 30.3 ओवर में सात विकेट के नुकसान पर जीत हासिल कर ली। भारत की इस जीत में वैसे तो सभी 11 खिलाड़ियों ने अपना-अपना योगदान दिया, लेकिन पांच खिलाड़ियों ने दमदार प्रदर्शन किया।
रोहित शर्मा
कप्तान रोहित शर्मा ने एक मिसाल पेश करते हुए टीम लीड करने के मौके को बिल्कुल नहीं गंवाया। उन्होंने बल्ले से हर पाकिस्तानी गेंदबाज की खूब पिटाई की। गेंदबाजों के आत्म-विश्वास को चकनाचूर कर दिया। इसके अलावा आज उनकी कप्तानी भी बढ़िया रही। उन्होंने मिडिल ओवर्स में स्पिन और तेज गेंदबाजी में लगातार बदलाव किए और विकेट निकाले।
जसप्रीत बुमराह
जसप्रीत बुमराह शुरुआत में स्विंग के प्रयास में थोड़ी लूज गेंदबाजी करते दिखे थे। इसके बाद उन्होंने पिच के मिजाज को समझा और अपने दूसरे स्पेल में उन्होंने मोहम्मद रिजवान को एक जबरदस्त स्लो गेंद से आउट किया। फिर शादाब खान को बेहतरीन गेंद से क्लीन बोल्ड कर दिया। इस स्पेल ने पूरी तरह पाकिस्तान की कमर तोड़ दी। जसप्रीत बुमराह को प्लेयर ऑफ द मैच मिला।
कुलदीप यादव
प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब भले ही उन्हें नहीं मिला, लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ वह भारत के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज रहे। बाएं हाथ के रिस्ट स्पिनर कुलदीप यादव ने गति और लाइन लेंथ में परिवर्तन करते हुए बल्लेबाजों को छकाया। उन्होंने एक ओवर में दो विकेट निकाले। कुलदीप ने 10 ओवर में मात्र 35 रन दिए।
श्रेयस अय्यर
श्रेयस अय्यर शुरुआत में हारिस रऊफ की गेंदबाजी के खिलाफ असहज थे, लेकिन उन्होंने डटकर शॉर्ट गेंदबाजी को झेला। हालांकि किस्मत भी उनके साथ रही। इसके बाद उन्होंने अच्छे विश्वास से बल्लेबाजी करते हुए अर्धशतक पूरा किया। श्रेयस ने रोहित के साथ साझेदारी भी बनाई।
मोहम्मद सिराज
सिराज की शुरुआत अच्छी नहीं थी, लेकिन कप्तान रोहित ने उन पर भरोसा जताया। सिराज भरोसे पर खरे उतरे और अब्दुल्लाह शफीक का विकेट निकाला। बाद में उन्हें बड़ी साझेदारी तोड़ने के लिए गेंद थमाई गई और बाबर का बड़ा विकेट निकाला।