गुजरात विधानसभा चुनाव का ऐलान आज आयोग की ओर से किया जाना है, लेकिन भाजपा इससे पहले ही ऐक्टिव हो गई है। पार्टी की गुजरात के मुख्यालय पर तीन दिनों की अहम मीटिंग शुरू हो गई है, जिसमें होम मिनिस्टर अमित शाह भी हिस्सा ले रहे हैं। उनके अलावा राज्य के प्रभारी भूपेंद्र यादव, सीएम भूपेंद्र पटेल और प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल भी शामिल हैं। कहा जा रहा है कि तीन दिनों की इस मैराथन बैठक में सभी 182 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों पर विचार किया जाएगा। पार्टी चाहती है कि समय रहते ही उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया जाए ताकि चुनाव में प्रचार करने में उन्हें देरी न हो और माहौल बनाया जा सके।
भाजपा ने सभी सीटों से भावी उम्मीदवारों से नाम मंगाए थे, जिन पर विचार किया जाना है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि 182 सीटों से कुल 4,000 आवेदन आए हैं, जिन पर विचार किया जाना है। दरअसल भाजपा 27 सालों से गुजरात की सत्ता में हैं और कई विधायक दशकों से जमे हुए हैं। ऐसे में एंटी-इनकम्बैंसी का भी खतरा है। इससे निपटने के लिए पार्टी की ओर से नो-रिपीट फॉर्मूला लागू हो सकता है और अधिकतम सीटों पर पुराने विधायकों को हटाया जा सकता है। यही वजह है कि 4,000 आवेदनों में से 182 उम्मीदवार तलाशने के लिए मंथन चल रहा है।
परिवारवाद से दूरी, सामान्य बैकग्राउंड से आने वालों को प्राथमिकता और जमीनी कार्यकर्ताओं को मौका देने के फॉर्मूले पर पार्टी काम कर सकती है। इसके जरिए भाजपा कार्यकर्ताओं को संदेश देने की कोशिश करेगी कि आम लोगों को भी मौका मिल सकता है। इसके अलावा मतदाताओं के बीच यह संदेश देने की कोशिश होगी कि उसने काम न करने वाले विधायकों को हटा दिया है। नए चेहरों के जरिए भाजपा नई हवा बनाने की कोशिश करेगी। बता दें कि राज्य में इस बार त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं। कांग्रेस और भाजपा के अलावा आम आदमी पार्टी भी गुजरात में पूरा जोर लगा रही है।