नई दिल्ली। दिल्ली में रह रहे कश्मीरी प्रवासियों को बड़ी राहत देते हुए एलजी वी के सक्सेना ने उन्हें दी जाने वाली तदर्थ मासिक राहत (एएमआर) में वृद्धि को मंजूरी दे दी है। पहले यह राशि 10 हजार रुपये प्रतिमाह थी, जिसे अब बढ़ाकर 27 हजार रुपये प्रतिमाह किया जाएगा।
16 साल बाद बढ़ाई गई राशि
एएमआर में यह बढ़ोतरी 16 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद की गई है जो कि करीब 170 प्रतिशत (2.7 गुना) है। 2007 में इस एएमआर को 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये किया गया था। वर्ष 1995 में दिल्ली सरकार ने एएमआर के तहत दी जाने वाली इस राशि को 5,000 रुपये प्रतिमाह तय किया था।
एएमआर के लिए पात्र परिवार के सदस्यों से संबंधित डेटा की आधार सीडिंग अनिवार्य होगी। साथ ही प्रवासियों को राहत का भुगतान सिर्फ आधार पेमेंट ब्रिज सिस्टम/पीएफएमएस के जरिये होगा, जो मौजूदा मानदंडों के अनुसार होगा।
दो हजार परिवार को मिलता एएमआर का भुगतान
आतंकवाद के दौरान कश्मीर घाटी से विस्थापित हुए लोगों की राहत और पुनर्वास के लिए वर्ष 1989-90 में केंद्र सरकार द्वारा सुरक्षा संबंधी व्यय योजना शुरू की गई थी। इसी के तहत जम्मू-कश्मीर प्रवासियों को एएमआर प्रदान किया जाता है। दिल्ली में 1990-93 के दौरान दिल्ली सरकार द्वारा पंजीकृत प्रवासी परिवारों को यह राशि प्रदान की जाती है।
वर्तमान में राष्ट्रीय राजधानी में लगभग दो हजार परिवारों को 3250 रुपये प्रति व्यक्ति प्रति माह की दर से एएमआर का भुगतान किया जा रहा है, बशर्ते कि प्रति परिवार में अधिकतम चार लोग हों। इसमें से एक हजार रुपये दिल्ली सरकार योगदान देती है और 2250 रुपये केंद्र सरकार का हिस्सा है, जिसकी प्रतिपूर्ति गृह मंत्रालय द्वारा की जाती है।
एएमआर पर होने वाला मासिक व्यय लगभग 2.50 करोड़ रुपये है। परिवार के सदस्यों की संख्या में वृद्धि के कारण प्रति इकाई संख्या में वृद्धि को शामिल करने के बाद लाभार्थियों की संख्या 70 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है।