बरनाला। शारदीय नवरात्रि के पहले साल का आखिरी सूर्य ग्रहण था। अब चंद्रग्रहण भी लगने वाला है। उक्त जानकारी देते हुए प्रसिद्ध ज्योतिषचार्य पंडित घनश्याम रतूड़ी बरनाला ने बताया कि बताया कि चंद्रग्रहण आज 28 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा के दिन लगेगा। ग्रहण की शुरूआत मध्य रात्रि 1:05 बजे होगी जो मध्य रात्रि 2:24 बजे तक रहेगी।
नौ घंटे पहले से शुरू हो जाता है ग्रहण
चंद्रग्रहण का सूतक ग्रहण शुरू होने से ठीक नौ घंटे पहले से शुरू हो जाता है। सूतक 28 अक्टूबर शाम 4 बजे से शुरू हो जाता है। सूतक काल को अशुभ माना जाता है। पंडित अमन शर्मा जलेबी बाबा ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूतक काल में किसी भी तरह का शुभ कार्य और पूजा-पाठ करने की मनाही होती है। ग्रहण खत्म होने के साथ सूतक भी खत्म हो जाता है।
दान-पुण्य करने का विशेष महत्व
चंद्रग्रहण के समय दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है। अगर इस दौरान राशि अनुसार दान किए जाए तो कुंडली के कई दोषों का असर कम हो सकता है। जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है तब चंद्रग्रहण लगता है। वैज्ञानिक नजरिए से ग्रहण एक खगोलीय घटना मात्र है लेकिन धार्मिक दृष्टि से ग्रहण की घटना को शुभ नहीं माना जाता है।
पंडित भागवत भास्कर पंडित डॉक्टर सूर्य कांत शास्त्री ने बताया कि चंद्रग्रहण अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि में हो रहा है। यह अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि में जन्मे व्यक्तियों को अशुभ फलदाता और दुर्घटना का भय रहेगा। ग्रहण के दौरान कई तरह की विशेष सावधानियां बरती जानी चाहिए। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण नहीं देखना चाहिए, ग्रहण के बाद दान-पुण्य, स्नान और अपने इष्ट देव की पूजा करनी चाहिए।