अलीगढ़ महानगर के महुआखेड़ा क्षेत्र के एक ई-रिक्शा चालक का परिवार सूदखोरों से तंग आकर बेटे को बेचने की गुहार लगा रहा है। ई-रिक्शा चालक मेरा बेटा बिकाऊ है, मुझे बेटा बेचना है लिखी तख्ती गले में लटकाकर पत्नी व बेटी सहित गांधीपार्क बस स्टैंड के पास पार्क के सामने बैठा है।
26 अक्तूबर शाम उसे देख जब वहां लोगों की भीड़ लगी और समझाने लगे तो उसने अपना दर्द बयां किया। बताया कि थाना पुलिस ने सुनवाई नहीं की। अब बेटे को बेचने के सिवाय कोई रास्ता नहीं। देर शाम परिवार को गांधीपार्क पुलिस अपने साथ ले गई। पूछताछ के आधार पर कार्रवाई की तैयारी में थी।
महुआ खेड़ा के असदपुर कयाम स्थित निहारमीरा स्कूल के पास रहने वाला राजकुमार ई-रिक्शा चलाता है। राजकुमार के अनुसार उसने कुछ समय पहले प्रापर्टी खरीदने के लिए कुछ लोगों से रुपये उधार लिए थे। बाद में इन लोगों ने कर्जदार बनाकर उसके एक प्लॉट के कागजात रखवा लिए और उस पर ऋण बैंक से ले लिया। अब उससे लगातार पचास हजार रुपये मांगे जा रहे हैं। आरोप है कि रुपये न देने की दशा में ई-रिक्शा ले लिया। घर आकर नाबालिग बेटियों व पत्नी से अभद्रता की जाती है। देवी नगला इलाके के रहने वाले यह लोग लगातार उस पर दबाव बना रहे हैं।
उनकी दहशत में आए राजकुमार ने बताया कि उस पर परिवार की आजीविका चलाने के लिए ई-रिक्शा एक मात्र साधन था। वह भी छीन लिया। इस पर उसने परिवार के साथ बेटा बेचने का यह फैसला लिया। वह पत्नी, बेटी व बेटे के साथ गांधीपार्क पर आकर बैठ गया। गले में तख्ती लटका ली जिस पर लिखा है, मेरा बेटा बिकाऊ है, मुझे बेटा बेचना है। वह बेटे को छह से आठ लाख रुपये में बेच रहा है।
पीड़ित का तर्क था कि इस रकम से अपना कर्ज चुकाएगा। बेटी को पढ़ाएगा और परिवार का पोषण करेगा। उसने बताया कि वह इस शिकायत को लेकर महुआ खेड़ा थाने तक गया। मगर वहां उसकी किसी ने नहीं सुनी। बाद में उसने यह कदम मजबूरी में पत्नी व परिवार के सभी सदस्यों की सहमति से उठाया।