केरल में हुए बम धमाकों के बाद पूरे उत्तर प्रदेश के सभी जिलों को हाई अलर्ट पर रखा है. राज्य के कानपुर,मेरठ, वाराणसी, अलीगढ़,लखनऊ, हापुड़, बागपत, बरेली, रामपुर, आगरा समेत कई जिलों में विशेष निगरानी रखने के आदेश दिए गए है. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ( ADG Law and order) प्रशांत कुमार ने सभी जिलों को सतर्क रहने का आदेश दिया है. यूपी एटीएस (UP ATS) को भी अलर्ट किया गया है. ATS की टीमें बीते दिनों में मिले इनपुट ( Input) को फिर खंगालने में लग गई है.
बता केरल के कोच्चि जिले के कलामासेरी में एक कन्वेंशन सेंटर में आज रविवार को हुए धमाकों में एक महिला की मौत हुई है और 45 अन्य घायल हुए हैं, जिनमें 5 अन्य की हालत गंभीर है. यह घटना धार्मिक सभा के आखिरी दिन सुबह करीब 9बजकर 38 मिनट पर हुई और उस समय वहां करीब 2,300 लोग मौजूद थे.
हमास लीडर ने ऑनलाइन जुड़कर कार्यक्रम को संबोधित किया था
इजरायल-फिलिस्तीन युद्ध से जुड़े हर कार्यक्रम पर नजर रखी जाएगी कार्यक्रम के दौरान मौजूद लोगों के साथ-साथ वर्चुअली जुड़ने वालों की भी पूरी जानकारी जुटाई जाएगी. बता दें कि केरल में तीन दिवसीय आयोजन के दौरान हमास लीडर ने ऑनलाइन जुड़कर कार्यक्रम को संबोधित किया था. ATS की टीमें बीते दिनों में मिले इनपुट को फिर खंगालने में लग गई है इजरायल-फिलिस्तीन युद्ध से जुड़े हर कार्यक्रम पर नजर रखी जाएगी.
एक व्यक्ति ने आत्मसमर्पण किया, विस्फोटों की जिम्मेदारी ली
इस बीच खुद को ईसाइयों के ‘यहोवा के साक्षी’ समूह का सदस्य बताने वाले एक व्यक्ति ने केरल के त्रिशूर जिले में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और रविवार सुबह यहां कलामासेरी में ईसाई धार्मिक सभा में हुए कई विस्फोटों की जिम्मेदारी ली. पुलिस ने यह जानकारी दी. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) कानून एवं व्यवस्था एम आर अजित कुमार नेसंवाददाताओं को बताया कि विस्फोटों में एक महिला की मौत हो गई और 45 से अधिक लोग घायल हो गए, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर है.
डोमिनिक मार्टिन ने अपने दावे के समर्थन में सबूत भी दिए
अधिकारी ने बताया कि उस व्यक्ति ने कोडकारा थाने में सुबह में आत्मसमर्पण किया और दावा किया कि उसने ही विस्फोट को अंजाम दिया. एडीजीपी ने कहा, “उस व्यक्ति का नाम डोमिनिक मार्टिन है. उसने अपने दावे के समर्थन में सबूत भी दिए. हम फिलहाल इसकी जांच कर रहे हैं. हम उसके दावों और कृत्य को अंजाम देने के लिए बताए गए कारणों की भी जांच कर रहे हैं.” उन्होंने यह भी कहा कि इस व्यक्ति ने खुद के ‘यहोवा के साक्षी’ ईसाई धार्मिक समूह का अनुयायी होने का भी दावा किया है. इस समूह की स्थापना 19वीं शताब्दी में अमेरिका में हुई थी.