नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आप नेता मनीष सिसोदिया को झटका देते हुए जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने आप नेता की जमानत याचिका खारिज करते हुए ट्रायल कोर्ट को इस मामले को 6 से 8 महीने के अंदर जांच पूरी करने का निर्देश दिया है।
साथ ही अदालत ने टिप्पणी की कि यदि केस की सुनवाई धीमी गति से होती है तो सिसोदिया तीन महीने के बाद फिर से बेल के लिए आवेदन कर सकते हैं।
338 करोड़ के लेनदेन के हैं एजेंसी के पास सबूत: SC
शराब घोटाले में 338 करोड़ रुपये के ट्रांसफर पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है और कहा है कि एजेंसी अभी तक की जांच के आधार पर घोटाले में पैसे का लेन-देन स्थापित करने में कामयाब रही है। पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने शराब नीति अनियमितता मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
बता दें कि मनीष सिसोदिया ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में कथित अनियमितताओं से संबंधित सीबीआई और ईडी मामलों में जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। उन्होंने अपनी जमानत याचिका खारिज करने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी, क्योंकि हाईकोर्ट ने दोनों मामलों में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था।
गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं सिसोदिया: दिल्ली HC
ईडी मामले में 3 जुलाई, 2023 को पारित अपने आदेश में दिल्ली HC ने कहा था कि आरोपी उच्च राजनीतिक पद और पार्टी में उनकी स्थिति मजबूत है। उनके द्वारा गवाहों को प्रभावित करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
वहीं, आप नेता की सुप्रीम कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने पर भाजपा नेता मनोज तिवारी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि SC के निर्णय से यह स्पष्ट हो गया है कि मनीष सिसोदिया सहित आम आदमी पार्टी का पूरा गैंग भ्रष्टाचार में लिप्त है और इनका मनी ट्रेल स्थापित हो चुका है।
आप के शीर्ष नेता भी जाएंगे जेल: BJP नेता
बीजेपी नेता ने आगे कहा, ‘मुझे विश्वास है कि जो पाप करता है उसके पापों का हिसाब जरूर होता है। इसके बाद अब आप के शीर्ष नेताओं की गिरफ्तारी भी पास में है। अरविंद केजरीवाल की भी गिरफ्तारी स्पष्ट रूप से होगी,क्योंकि आप पार्टी के शीर्ष नेताओं का जो कुनबा है वो भ्रष्टाचार में लिप्त है।’
फरवरी में हुई थी सिसोदिया की गिफ्तारी
फरवरी 2023 में, दिल्ली की नई आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के लिए सिसोदिया को सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किया गया था। वहीं, इससे पहले दिल्ली सरकार ने अपनी नई नीति को विपक्ष द्वारा बेईमानी के आरोपों के बीच नीति को वापस ले लिया गया था।
सीबीआई के अनुसार, सिसोदिया ने आपराधिक साजिश में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और वह उक्त साजिश के उद्देश्यों की उपलब्धि सुनिश्चित करने के लिए उक्त नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में शामिल थे। आप नेता फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।