मुंबई। लोकसभा सांसद सुनील तटकरे ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का स्वागत किया है। बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर अजित पवार गुट के नौ विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की याचिका पर 31 जनवरी, 2024 तक फैसला करेंगे।
उप मुख्यमंत्री गुट के सदस्य तटकरे ने कहा कि उनकी पार्टी का हमेशा मानना रहा है कि उसका मामला पिछले साल जून में हुए शिवसेना के विद्रोह से अलग है।
NCP में तकरार
शीर्ष अदालत ने, नार्वेकर को 31 दिसंबर तक एक-दूसरे के विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों द्वारा दायर क्रॉस-याचिकाओं पर फैसला करने के लिए भी कहा है। बता दें कि अजित पवार और आठ विधायकों के एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल होने के बाद 2 जुलाई को एनसीपी में तकरार आ गई थी।
इसके बाद पार्टी संस्थापक शरद पवार के नेतृत्व वाले समूह ने उन्हें अयोग्य ठहराने की मांग करते हुए याचिकाएं दायर कीं। दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए तटकरे ने कहा, ‘हमारे खिलाफ दायर याचिकाओं को अलग से मानने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से हम संतुष्ट हैं। हमने लगातार कहा है कि हमारा मामला शिवसेना से अलग है।’
मराठा कोटे पर क्या बोले तटकरे?
तटकरे ने दावा किया कि अजीत पवार के नेतृत्व में लिया गया निर्णय भारत के चुनाव आयोग और शीर्ष अदालत के पिछले कुछ फैसलों पर आधारित था। तटकरे ने यह भी कहा कि याचिकाओं पर किस तरह से विचार किया जाना है, यह तय करना स्पीकर का अधिकार है क्योंकि स्पीकर के समक्ष दायर याचिकाओं की संख्या बड़ी संख्या में है।
मराठा कोटा मुद्दे पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग के लाभों को छुए बिना कानूनी रूप से आरक्षण दिया जाना चाहिए।