*उद्यमिता विद्यापीठ ने खादी उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए बच्चों को किया प्रेरित, दिलाई खादी की शपथ*
*खादी महोत्सव के अन्तर्गत ‘वोकल फॉर लोकल’ और मताधिकार के लिए लोगों को किया गया जागरूक*
चित्रकूट/ “वोकल फॉर लोकल” पहल और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा परिकल्पित ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ का समर्थन करने के लिए खादी महोत्सव का आयोजन खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग प्रशिक्षण केंद्र, उद्यमिता विद्यापीठ चित्रकूट द्वारा पूरे अक्टूबर माह में किया गया। जिसका समापन मंगलवार को लोहिया सभागार दीनदयाल परिसर में किया गया। जिसमें दीनदयाल शोध संस्थान के राष्ट्रीय संगठन सचिव श्री अभय महाजन एवं गायत्री शक्तिपीठ के व्यवस्थापक डॉ राम नारायण त्रिपाठी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। इस अवसर पर श्री अभय महाजन ने कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों को खादी फाॅर नेशन, खादी फाॅर फैशन के साथ खादी के उन्नयन और विकास के लिए शपथ दिलाई।
दीनदयाल शोध संस्थान के प्रकल्प उद्यमिता विद्यापीठ द्वारा चित्रकूट क्षेत्र के विद्यालयों में पिछले एक माह से खादी के अभियान के रूप में ‘खादी महोत्सव’ की जानकारी दी गई और खादी की शपथ भी दिलाई गई। खादी ग्रामोद्योग प्रशिक्षण केंद्र के प्राचार्य मनोज सैनी ने कहा कि अभियान का उद्देश्य खादी और ग्रामोद्योग, हथकरघा, हस्तशिल्प, ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) उत्पादों और स्थानीय स्तर पर उत्पादित विभिन्न पारंपरिक और कुटीर उद्योगों और पारंपरिक कारीगरों को बढ़ावा देना है।
इस दौरान विद्यार्थियों को बताया गया कि खादी वस्त्र गांधी जी का जीवन दर्शन है। जब आप एक खादी का वस्त्र खरीदते हैं तो आप हथकरघा उद्योग एवं भारत के हस्तशिल्प को मजबूत करते हैं। इस अवसर पर युवाओं में खादी उत्पादों की सम्यक जानकारी देते हुए खादी उत्पाद अपनाने की शपथ दिलाई गई और केवीआईसी (खादी और ग्रामोद्योग) क्षेत्र की अभूतपूर्व पहलों पर प्रकाश डाला, जो आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्यों के अनुरूप महत्वपूर्ण विकास को दर्शाता है।
खादी महोत्सव के अन्तर्गत दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा मतदान देने के लिए लोगों को जागरूक किया गया। जो करे मतदान, वो भविष्य में सुरक्षित रहेगा इंसान। मतदान करके हमे अपना फर्ज निभाना होगा, मतदान करने में देर न हो जाये इसलिए हमें जल्दी मतदान केंद्र जाना होगा। भविष्य की फिक्र अगर आपको है तो समय रहते उठें और मतदान करने जाएं। मतदान केवल हमारा लोकतांत्रिक अधिकार नही हैं बल्कि यह सम्मान से जीने का अधिकार भी है। अंगुली पर लगी स्याही सिर्फ निशान नही आपकी शान है, देश की पहचान और लोकतंत्र की जान है और आपके अधिकार का सम्मान है। ऐसे कई स्लोगन और पोस्टरों से लोगों के बीच मतदान के प्रति जन जागरण भी किया गया।