बोकारो। झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता से लेकर महाप्रबंधक तक भले ही कागजी रूप से जिम्मेदार हैं, लेकिन यदि संविदा पर काम करने वाला ऊर्जा मित्र को आप पर गुस्सा आ गया तो समझ लीजिए कि चक्कर में फंस गए।
ऐसा एक लोग के साथ नहीं, बल्कि जिले में हजारों लोगों के साथ हो रहा है। निजी कंपनी में संविदा के आधार पर काम करने वाले ऊर्जा मित्रों को बिजली बिल समय पर निकालकर देना है, लेकिन किसी का भी बिल एक समय में नहीं निकलता है।
एक माह का बिल 1 लाख 54 हजार 587 रुपये
ऐसा ही कुछ चास की कुवंर सिंह कॉलोनी निवासी गीता रानी घोष के साथ हुआ। गीता रानी घोष के बंद पड़ी दुकान का एक माह का बिल 1 लाख 54 हजार 587 आ गया है। अब गीता रानी घोष व उनके बेटे तापस घोष परेशान है। एक ही माह में बिजली विभाग ने बिजली का मीटर 23 हजार यूनिट से अधिक दिखा दिया है।
अब आवेदन देने पर सुधारने की बात हो रही है। तापस घोष का कहना है कि बिल आने के बाद से वे परेशान है। मां को हाई ब्लड प्रेशर है उन्होंने इतनी राशि के बारे में सुना तो वे भौचक्क रह गए हैं।
एक माह का बिल 1 लाख 54 हजार 587 रुपये
ऐसा ही कुछ चास की कुवंर सिंह कॉलोनी निवासी गीता रानी घोष के साथ हुआ। गीता रानी घोष के बंद पड़ी दुकान का एक माह का बिल 1 लाख 54 हजार 587 आ गया है। अब गीता रानी घोष व उनके बेटे तापस घोष परेशान है। एक ही माह में बिजली विभाग ने बिजली का मीटर 23 हजार यूनिट से अधिक दिखा दिया है।
अब आवेदन देने पर सुधारने की बात हो रही है। तापस घोष का कहना है कि बिल आने के बाद से वे परेशान है। मां को हाई ब्लड प्रेशर है उन्होंने इतनी राशि के बारे में सुना तो वे भौचक्क रह गए हैं।
इस तरह से दुकान का आया बिजली बिल
गीतारानी घोष की दुकान कई माह से बंद है। फरवरी माह में एक यूनिट की खपत पर बिल बना 309.38 रुपये, मार्च में एक यूनिट का बिल 393.38 रुपये हो गया।
मई माह में दो यूनिट का 563 रुपये, जून में एक यूनिट का 676 रुपये, जुलाई में एक यूनिट का बिल 788 रुपये तथा अगस्त 2023 में 23014 यूनिट का बिल 1 लाख 51 हजार 435 रुपये दिया गया।
कुल मिलाकर गीतारानी घोष पर 1 लाख 54 हजार 587 रुपये का बकाया दिख रहा है। यूनिट पर खपत व बिल का हिसाब किसी को समझ में नहीं आ रहा है।
मामले में कार्यपालक अभियंता ने क्या कहा
आवेदन आने के बाद जांच कर कार्रवाई करेंगे। पूर्व में एक-एक यूनिट दिखाया गया है। यदि गलती हुई है तो सुधार किया जाएगा।- शशिकांत तिवारी, कार्यपालक अभियंता, चास