विगत एक वर्ष से महिला शिक्षिका का वेतन बिना किसी कारण के जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा रोके जाने को लेकर जब महिला शिक्षिका जब उसने राज्य महिला आयोग में आवेदन दिया तो तत्काल उसके खाते में दो लाख 27 हजार रुपए रूपए जमा हो गये।
यह पूरा मामला सूरजपुर का है। पीड़ित शिक्षिका ने जिला शिक्षा अधिकारी सूरजपुर के विरुद्ध अपने अप्राप्त वेतन के सम्बंध में शिकायत दर्ज की थी। आवेदिका ने बताया कि वह सहायक शिक्षक के पद पर पदस्थ हैं, और उनका वेतन वर्ष 2021 के नवम्बर माह से बिना किसी सूचना के रोक दिया है और बार बार पूछे जाने पर भी कोई जानकारी नहीं दी जाती। जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा रुपयों की भी मांग की जा रही है।उनका कहना था कि आपके विरुद्ध बहुत शिकायत हैं जिसके कारण मेरा वेतन को रोक दिया गया। आवेदिका ने अपनीआर्थिक स्थिति अत्यंत खराब होने की शिकायत आयोग में की थी।
आवेदिका द्वारा आयोग में शिकायत करने के 3 माह के अंदर ही आवेदिका के खाते में 2 लाख 27 हजार रुपये की राशि जिला शिक्षा अधिकारी सूरजपुर ने तत्काल भुगतान कर दिया है। आज आयोग के समक्ष आवेदिका ने उपस्थित होकर अपने शिकायत को वापस ले ली है। आयोग की अध्यक्ष डॉ नायक ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग प्रताड़ित महिलाओं को तत्काल न्याय दिलाने में लगातार प्रयास कर रही है। और महिलाएं आयोग के कार्यों से संतुष्ट हो रही है।