हमीरपुर। भंग कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर में जेई सिविल पोस्ट कोड 970 पेपर एक लाख रुपये में लीक हुआ था। आयोग से निलंबित वरिष्ठ सहायक उमा आजाद से जेई सिविल का पेपर एक लाख रुपये में खरीदा गया था। उमा आजाद ने बर्खास्त ट्रैफिक इंस्पेक्टर रवि कुमार को एक लाख रुपये में पेपर दिया था। रवि ने अभ्यर्थी मुकेश कुमार को पेपर पढ़ाया था और उसके पिता रणजीत सिंह से पेपर पढ़ाने के एवज में एक लाख रूपये के रिश्वत ली थी।
पूछताछ में आरोपितों ने किया खुलासा
ट्रैफिक इंस्पेक्टर ने एक पंथ दो काज वाला कार्य किया पहले अपने लिए उमा आजाद से पेपर लिया और फिर आगे जाकर मुकेश कुमार के रूप ग्राहक ढूंढ कर उससे एक लाख रुपये की डिमांड करके उसके पिता रणजीत से एक लाख रुपये लेकर उमा आजाद को दिया था। विजिलेंस टीम के समक्ष पुलिस रिमांड के दौरान चारों आरोपितों ने इस बात का खुलासा किया और इसे कबूल भी कर लिया हैं। मंगलवार को विजिलेंस टीम हमीरपुर ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रेणु शर्मा की अगुवाई में चारों को 18 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा।
18 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया
आरोपितों को सेशन कोर्ट हमीरपुर में पेश किया गया जहां से उन्हें 18 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस अधीक्षक विजिलेंस मंडी राहुल नाथ ने बताया कि चारों आरोपितों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। मामले की मुख्य आरोपित उमा आजाद सहित रवि कुमार, मुकेश कुमार व रणजीत सिंह को 18 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि जेई सिविल का पेपर एक लाख रुपये लेकर लीक हुआ था।
पेपर लीक करने को लेकर एक लाख रुपये की रिश्वत दी
उमा आजाद ने पेपर रवि कुमार को पढ़ाया था और उसने अभ्यर्थी मुकेश कुमार को आगे पेपर लीक किया था और उसके पिता रणजीत सिंह ने पेपर लीक करने को लेकर उन्हें एक लाख रुपये की रिश्वत दी थी, जिसके चलते पेपर लीक करने का मामला सामने आने पर विजिलेंस थाना हमीरपुर में मामला दर्ज हुआ था ।