शिमला। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत प्रदेश में राशन कार्ड धारकों को दी जाने वाली सस्ती दालों के नए रेट तय हो गए है। इसमें बीपीएल को दी जाने वाली उड़द की दाल 4 रूपये महंगी हो गई है। बीपीएल (एनएफएसए) को अब डिपुओ में उड़द की दाल 63 रूपये प्रति किलो मिलेगी, जो पहले 59 रूपये प्रति किलो मिलती थी। इसी तरह एपीएल को दी जाने वाली मलका की दाल में 9 रूपये तक की बढ़ोतरी की गई है। एपीएल को मलका की दाल 73 रुपये प्रति किलो की दर से मिलेगी, जो पहले 64 रुपये प्रति किलो मिलती थी।
10 रुपये बढ़ा रिफाइंड तेल
बीपीएल को दी जाने वाली मलका की दाल में एक रुपये की कमी की गई है। बीपीएल को मलका की दाल 63 रूपये दी जाएगी, जो पहले 64 रूपये प्रति किलो दी जाती थी। चने की दाल की कीमत में कोई बदलाव नहीं किया गया है। चने की दाल एपीएल को 48 रूपये और बीपीएल को 38 रूपये प्रति किलो दी जाएगी। रिफाइंड तेल की कीमत में भी दस रूपये तक की बढ़ोतरी की गई है। तेल की यह बढ़ी हुई कीमत बीपीएल और एपीएल दोनों के लिए की गई है। रिफाइंड तेल लोगों को 114 रूपये में मिलेगा, जो पहले 104 रूपये प्रति लीटर मिलता था।
मूंग दाल नहीं, अब डिपुओं से दो किलो चने की दाल ले जा सकेंगे लोग
मूंग दाल की अधिक कीमतों को देखते हुए सरकार ने इस बार लोगों को मूंग दाल न देने का निर्णय लिया है। मूंग दाल की नई कीमतें 94 रुपये प्राप्त हुई है, इसे देखते हुए सरकार ने मूंग दाल न देने का फैसला लिया है। इसकी जगह सरकार लोगों को दो किलो चने की दाल उपलब्ध कराएगी।
लोगों को इस महीने मिलेगा चीनी का 100 ग्राम प्रति सदस्य अतिरिक्त त्योहारी कोटा
हर बार की तरह इस बार भी लोगों को दीवाली के मौके पर चीनी का त्योहारी कोटा मिलेगा। इसमें सरकार प्रति राशन कार्ड प्रति सदस्य 100 ग्राम अतिरिक्त चीनी दी जाएगी। प्रधान सचिव खाद्य एवं आपूर्ति आरडी नजीम ने बताया की सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत प्रदेश में उपभोक्ताओं की दी जाने वाली सस्ती दालों के नए रेट तय हो गए है। इसमें कई दालों की कीमतों में थोड़ी सी बढ़ोतरी हुई है लेकिन ओपन मार्केट में दी जाने वाली दालों के मुकाबले डिपुओं में दी जाने वाली दालों के रेट उनसे बहुत कम है। सरकार का उद्देश्य प्रदेश में लोगों को महंगाई से राहत दिलाना है। उन्होंने कहा की अगर कोई राशनकार्ड धारक दो किलो चने की दाल ले जाना चाहता हैं, तो उसे दो किलो चने की दाल उपलब्ध करवाई जाएगी।
बीपीएल उपभोक्ताओं को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत मिलने वाली वस्तुओं की संशोधित मूल्य दरें निर्धारित की गई है।
वस्तु, पहले का मूल्य, नया मूल्य