मऊ। विधानसभा चुनाव के दौरान भड़काऊ भाषण देने व आचार संहिता के कुल तीन मामलों में मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी ने बुधवार को एमपी/एमएलए मजिस्ट्रेट श्वेता चौधरी की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। कोर्ट ने 20 हजार के मुचलके पर जमानत दे दी है।
कोतवाली व दक्षिणटोला के मामलों में उमर अंसारी काफी समय से अदालत में उपस्थित नहीं हो रहा था। अदालत में उनकी पत्रावली अन्य आरोपितों से अलग कर गैर जमानती वारंट व कुर्की का आदेश जारी किया था। उमर अंसारी के अधिवक्ता गाजीपुर से आए लियाकत अली ने बताया कि आचार संहिता के भड़काऊ भाषण देने के मामले में उच्च न्यायालय द्वारा अग्रिम जमानत का आदेश मिला है। इसके तहत जमानत पत्र दाखिल किया गया।
वहीं, एक अन्य मामले में उच्च न्यायालय ने उमर अंसारी के विरुद्ध गैर जमानती वारंट व कुर्की का अधीनस्थ अदालत का आदेश निरस्त कर दिया है। वहीं, आचार संहिता के तीसरे मामले में अदालत में आत्मसमर्पण कर उमर अंसारी की तरफ से जमानत का आवेदन दिया गया है। इस पर न्यायालय ने 20 हजार की दो जमानत व मुचलके पर छोड़ने का आदेश दिया है।
आरोपित के अधिवक्ता ने यह भी बताया कि आचार संहिता के कुल चार मामलों में एक मामला विजय जुलूस वाले में सीआरपीसी में रिट याचिका के तहत यह मामला निरस्त कर दिया गया है और तीनों मामलों में भी रिट दाखिल की गई है।