शिमला। हिमाचल में पिछले तीन महीने के कहर बरपा रहा स्क्रब अब ठंड के साथ ठंडा पड़ता जा रहा है। अगस्त से शुरू हुए स्क्रब के मामले अब धीरे-धीरे कम हो रहे हैं। अगस्त महीने में 182 मामले सबसे ज्यादा स्क्रब आइजीएमसी में सामने आए। इसमें राज्य के विभिन्न जिलों से स्क्रब के मामले सामने आ रहे थे। इसके बाद सितंबर में भी स्क्रब के मामले 208 मामले सामने आए थे।
स्क्रब टाइफस का कहर होगा कम
शहर से लेकर राज्य भर में सर्दी बढ़ती जा रही है। अब स्क्रब टाइफस का कहर भी कम होने लगा है। अस्पताल में अब स्क्रब टाइफस के कम मामले देखने को मिल रहे है। इससे पहले अस्पताल में रोजाना स्क्रब टायफस के मामले देखने को मिल रहें थे। अस्पताल में सबसे ज्यादा स्क्रब के मामले सोलन व शिमला जिला से आ रहे थे।
अगस्त , सितंबर व अक्टूबर महीने में सबसे ज्यादा स्क्रब के मामले आते है। इन महीनों में स्क्रब के कारण लोगों की मौत भी हुई है। तीन महीने में स्क्रब के कारण 13 लोग की मौत हुई है। बरसात हो या फिर कोई भी सीजन ऊपरी शिमला व शहर के आस पास के लोग जिन्होंने घर में पशु रखे हुए है। उन्हें घास के लिए जंगलों व खेत में जाना होता है। ऐसे में लोगों के स्क्रब की चपेट में आने की ज्यादा आशंका रहती है।
स्क्रब टाइफस के मामले
-अगस्त महीने में 182 मामले व 5 मौत
-सितंबर महीने में 208 व 6 मौत
-अक्टूबर महीने में 66 व 2 मौत
-नवंबर महीने में 10 मामले अभी तक आए है।
स्क्रब टायफस होने के कारण
स्क्रब टायफस खेतों, झाड़ियों में रहने वाले चूहों में पाया जाने वाला चिगर्स कीट के काटने से लोगों में फैलता है। कीट के ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी बैक्टीरिया के कारण लोगों में ये संक्रमण तेजी से फैलता है। स्क्रब टाइफस से कोई भी संक्रमित हो सकता है।
स्क्रब टाइफस के लक्षण
स्क्रब टायफस वाले मरीज को 104 से 105 डिग्री तक बुखार होता है। इसमें जोड़ों में दर्द, गर्दन, बाजुओं के निचले भाग दर्द होना। लक्षण दिखाई दे तो शीघ्र नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में जाकर चिकित्सक को दिखाएं अपनी मर्जी से दवा न खाएं।