स्पेशल आर्टिकल___
माननीय पीएम महोदय नरेंद्र जी माननीय भारतवर्ष की सभी अथॉरिटीज जी माननीय विपक्षी नेता सोनिया जी माननीय विपक्षी नेता प्रियंका जी माननीय विपक्षी नेता राहुल जी माननीय अमिताभ ठाकुर जी माननीय सीएम महोदय अशोक जी गहलोत माननीय पूर्व सीएम महोदय वसुंधरा जी माननीय नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र जी माननीय वरिष्ठ नेता सतीश जी, माननीय योगी जी माननीय अखिलेश जी माननीय मायावती जी माननीय मनोहर लाल जी माननीय अभय चौटाला जी माननीय अनिल विज जी माननीय दुष्यंत चौटाला जी और वल्लभ भारतवर्ष और वल्लभ राजस्थान के सभी माननीय अथॉरिटीज जी और नेता जी क्या राजस्थान के झुंझुनूं जिलांतर्गत सिंघाना में 30 अक्टूबर 2023 को व्यापारी सुशील जी केडिया के साथ पुलिस प्रशासनिक एजेंसी स्तर पर अन्याय हुआ या नहीं हुआ बताएं ?
जयपुर, राजस्थान, 31अक्टूबर,2023 ( हमारे राजस्थान एंड हरियाणा जनरल एंड मैनेजिंग एडिटर राजेश कुमार शर्मा सिंघाना झुंझुनूं राजस्थान 8279020996 सिंघाना सतनाली वाले वरिष्ठ पत्रकार की लेखनी से ) मैं इस स्पेशल आलेख का लेखक वरिष्ठ पत्रकार राजेश कुमार शर्मा सिंघाना झुंझुनूं राजस्थान सिंघाना सतनाली वाला वरिष्ठ पत्रकार संविधान कानून न्याय नैतिकता सर्व जन हार्दिक भाईचारा सहिष्णुता सह अस्तित्व जीओ और जीने दो अहिंसा सभ्यता मानवता नीति मर्यादा अनुशासन माननीय सम्माननीय न्यायपालिका माननीय सम्माननीय पुलिस अखिल राष्ट्र अथॉरिटीज का हार्दिक आत्मीय पालन सम्मान करते हुए सबका सम्मान करते हुए कातर विनम्रता पूर्वक एक प्रश्न पूछकर मेरे इस आलेख की शुरुआत करना चाहूंगा, मैं इस आलेख के हेडिंग में अंकित सभी माननीय अथॉरिटीज और नेताओं से ये पूछना चाहता हूं कि राजस्थान राज्य के झुंझुनूं जिलांतर्गत सिंघाना कस्बे में 30 अक्टूबर 2023 को जो पुलिस, प्रशासनिक स्तर पर जिस भी पुलिस प्रशासनिक एजेंसी के द्वारा जो भी कथित कार्य हुआ वो कथित न्यायपूर्ण है या नही है ? मैं कातर विनम्रता पूर्वक ये कहना चाहता हूं कि मैं कोई निष्कर्ष नहीं निकाल रहा हूं, मैं तो ये पूछना चाहता हूं कि30 अक्टूबर 2023 को राजस्थान राज्य के झुंझुनूं जिलांतर्गत सिंघाना कस्बे में पुलिस, प्रशासनिक स्तर पर जिस भी पुलिस प्रशानिक एजेंसी के द्वारा जो हुआ वो न्याय पूर्ण था या पुलिस, प्रशासनिक एजेंसी का अन्याय पूर्ण कार्य था? और यदि पुलिस प्रशासनिक एजेंसी का अन्याय पूर्ण कार्य था तो ऐसा क्यों हुआ ? और यदि पुलिस प्रशासनिक एजेंसी का अन्याय पूर्ण कार्य था तो अब उस अन्याय को पुलिस प्रशासनिक स्तर पर पुलिस प्रशासनिक न्याय में तब्दील परिवर्तित करने के लिए क्या माननीय उक्त वर्णित राष्ट्रीय नेता जी और माननीय राजस्थान नेता जी माननीय सभी राष्ट्रीय अथॉरिटीज जी और क्या माननीय सभी राजस्थान अथॉरिटीज जी क्या कोई कदम उठवाएंगे और क्या उठाएंगे ? और भविष्य में दोबारा कोई भी अन्याय ना हो क्या ये भी सुनिश्चित करेंगे करवाएंगे ?
मैं वरिष्ठ पत्रकार राजेश कुमार शर्मा सिंघाना झुंझुनूं राजस्थान “अश्विनी” आलेख को आगे ले चलने से पूर्व ये बताना चाहता हूं कि मीडिया सूत्रों के मुताबिक सिंघाना कस्बे में 30 अक्टूबर 2023 को एक व्यापारी से करीब 7 लाख रूपीए जब्त किए बताए जाते हैं । व्यापारी का नाम सुशील केडिया जी बताया जाता है मीडिया खबरों के मुताबिक। मीडिया खबरों में ये सवाल उठाया बताया जाता है कि आचार संहिता के नाम पर क्या इस तरह करना उचित है क्या ? व्यापारियों को बैंक में रूपिए जमा कराना भी भारी पड़ता लग रहा बताया जाता है। मीडिया खबरों के मुताबिक सिंघाना के व्यापारियों में कथित इस तरह व्यापारी के कथित रूपीए जब्त किए जाने पर कथित आक्रोश बताया जाता है । मीडिया खबरों में ये भी बताया जाता है कि व्यापारी सुशील केडिया जी सिंघाना में एक बैंक में रूपिए जमा करवा रहे थे ,तभी कथित पुलिस प्रशासनिक स्तर पर स्पेशल पुलिस टीम या कथित एफ एस एल टीम द्वारा या जो भी सरकारी एजेंसी रही हो, द्वारा उक्त कथित जब्तगी की बताई जाती है मीडिया खबरों के मुताबिक ,व्यापारी ने बैंक में रूपीए जमा कराने के लिए कथित चालान और रशीद भी भर रखी थी ऐसा बताया जाता है । मीडिया खबरों के मुताबिक व्यापारी द्वारा ये भी बताया जाता है कि व्यापार के सिलसिले में अक्सर बैंक में धन जमा कराने का क्रम चलता रहता है । मीडिया खबरों के मुताबिक ये भी कथित बताया जाता है कि उक्त कथित जब्तगी सिंघाना में एक बैंक के पास स्पेशल पुलिस टीम/ या एफ एस एल टीम /किसी अन्य सरकारी एजेंसी द्वारा की बताई जाती है,जबकि कथित रूप से ये बताया जाता है कि कथित पुलिस प्रशासन या एफएस एल टीम या अन्य जो भी सरकारी एजेंसी रही हो ,के द्वारा उक्त कथित जब्तगी रिकॉर्ड में सिंघाना पुलिस स्टेशन के पास दर्ज की बताई जाती है। ऐसा कथित विरोधाभाष यानी कॉन्ट्राडिक्शन क्यों है इसमें कितनी सच्चाई है पूरा मामला क्या है ये तो माननीय संबंधित पुलिस प्रशासन ही बता सकते हैं । क्या ये निष्पक्ष जांच का विषय है या नही है कोई बताए? मीडिया खबरों में ये भी बताया जाता है कि सिंघाना के व्यापारियों द्वारा माननीय बुहाना डीएसपी महोदय गोपाल सिंह ढाका से उक्त मामले में उचित न्याय की मांग की गई है । 31अक्टूबर 2023 की एक यू ट्यूब मीडिया खबर के मुताबिक खबर में संबंधित व्यापारी सुशील जी केडिया ये बता रहे हैं कि वो 30/10/23 को सिंघाना में एक बैंक में व्यापारिक रुपिए जमा करवा रहे थे तभी बैंक के पास उन्हें सरकारी एजेंसी के लोगो ने पकड़ लिया और फिर माननीय कल्याण जी की गाड़ी आई और उसमें बैठा लिया और फिर कथित एफ एस एल टीम व्यापारी सुशील जी केडिया को सिंघाना पुलिस स्टेशन लेकर गई । वहा उनसे कथित सात लाख यानी 7 लाख रूपिए जब्त कर लिए गए और बाइक भी कथित जब्त कर ली गई । इसी यू ट्यूब मीडिया खबर में संबंधित व्यापारी सुशील जी केडिया के द्वारा ये भी बताया जाता है कि उन्हे कथित सिंघाना पुलिस स्टेशन में संबंधित एजेंसी द्वारा कथित लिखित में दिया गया है कि वे झुंझुनूं जिला मुख्यालय शहर झुंझुनूं जाएं और वहां नियमानुसार संभव हो तो रूपीए वापस प्राप्त कर लेवें । एक अन्य मीडिया खबर के मुताबिक सिंघाना के व्यापारियों द्वारा आचार संहिता के नाम पर इस तरह व्यापारी से रूपी ए और बाइक जब्त करने के विरोध में सिंघाना पुलिस स्टेशन का कथित घेराव करने और संबंधित पुलिस या प्रशासनिक कार्मिकों अधिकारियों के विरुद्ध उचित वांछित कार्रवाई भी दोषी पाए जाने पर करने की कथित मांग भी की जाती बताई जा रही और इस आशय की खबर भी मीडिया हलकों में उड़ाई जाती बताई जा रही है । 31/7/23 की एक अन्य मीडिया खबर के मुताबिक सिंघाना के माननीय चेयरमैन विजय पांडे शर्मा और बुहाना के माननीय प्रधान हरिकिशन यादव के नेतृत्व में सिंघाना के काफी लोग सिंघाना पुलिस स्टेशन पहुंच कर उक्त घटना के विरोध में अपना विरोध दर्ज करवाया भी बताया जाता है । विरोध दर्ज कराने वाले उक्त काफी लोगों में सिंघाना के वरिष्ठ व्यापारी निर्मल चौधरी पुत्र अमरनाथ चौधरी और मनोज गुप्ता पटवारी परिवार वाले पुत्र ग्यारसी लाल गुप्ता , पवन अग्रवाल भी बताए जाते हैं ।
इस संबंध में जब इस आलेख के लेखक वरिष्ठ पत्रकार राजेश कुमार शर्मा सिंघाना झुंझुनूं राजस्थान सिंघाना सतनाली वाले वरिष्ठ पत्रकार यानी मेरे द्वारा माननीय सिंघाना एसएचओ महोदय विक्रम सिंह जी से 30/10/23 की रात्रि लगभग 11बजे के एटे पेटे
चलायमान दूरभाष पर संपर्क किया गया तो उन्होंने बड़े स्नेह सम्मान से कहा कि अब सुबह बात करेंगे आदरणीय । मैंने इस आलेख के लेखक वरिष्ठ पत्रकार राजेश कुमार शर्मा सिंघाना झुंझुनूं राजस्थान सिंघाना सतनाली वाले वरिष्ठ पत्रकार ने माननीय सिंघाना एसएचओ महोदय विक्रम सिंह जी का आदेश मान लिया और सुबह वार्ता के लिए सहमत हो गया। अब मै ये बताना चाहता हूं कि मै उक्त कथित मामले में कोई भी निष्कर्ष नहीं निकाल रहा हूं , मैं तो माननीय संबंधित पुलिस और प्रशासनिक अथॉरिटीज और माननीय उक्त हेडिंग वर्णित अथॉरिटीज और नेताओं से ये कातर विनम्रता पूर्वक ये प्रश्न पूछना चाहता हूं कि यदि उक्त मामले में पुलिस या प्रशासनिक स्तर का अन्याय हुआ है तो क्या न्याय सुनिश्चित किया जाएगा ? उक्त मामले की निष्पक्ष जांच करवाई जायेगी क्या ? क्या उक्त मामले में किसी पुलिस या प्रशासनिक कार्मिक या अधिकारी ने नियत ढिशलने ( फिसलने) या नही ढिशलने पर क्या कोई भ्रष्टाचार किया या नही किया ?क्या उक्त मामले में किसी पुलिस या प्रशासनिक कार्मिक या अधिकारी ने किसी बदनीयती से ग्रस्त होकर या नही होकर , किसी सुपारी तत्व से मिलीभगत होकर या नही होकर कार्रवाई की या नही की ? क्या उक्त मामले में किसी पुलिस या प्रशासनिक कार्मिक या अधिकारी ने किसी लापरवाही से ग्रस्त होकर या नही होकर लापरवाही पूर्ण कृत्य या कार्य किया या नही किया ?
क्या इन सभी दृष्टिकोणों से निष्पक्ष जांच होगी या नही होगी?
क्या व्यापार करना भी कोई गुनाह हो गया क्या? क्या व्यापार को लेकर बैंक में धन जमा कराना भी गुनाह हो गया है क्या ? क्या बैंक में धन जमा कराने के लिए चालान और पर्ची भरी हुई होना भी गुनाह हो गया है क्या ? यानी क्या उक्त मामले की निष्पक्ष दूध का दूध और पानी का पानी जांच होनी चाहिए या नही होनी चाहिए ? मैं वरिष्ठ पत्रकार राजेश कुमार शर्मा सिंघाना झुंझुनूं राजस्थान कोई निष्कर्ष नहीं निकाल रहा हूं इस मामले में , मैं तो ये पूछ रहा हूं यहां वर्णित सभी अथॉरिटीज से कि क्या इस मामले की निष्पक्ष जांच होगी या नही होगी? और इस मामले की निष्पक्ष जांच में यदि व्यापारी सुशील जी का धन यदि सही नियमानुसार पाया जाता है तो क्या उनको वापस मिलेगा? और यदि इस मामले की निष्पक्ष जांच में यदि किसी माननीय सम्माननीए बुलंद इकबाल धारी कार्मिक या अधिकारी ने यदि कोई भ्रष्टाचार या सुपारी तत्व मिलीभगत दुर्भावना से ग्रस्त होकर या किसी लापरवाही से ग्रस्त होकर अवांछित कार्रवाई की हुई पाई जाती है यदि और यदि कोई लापरवाही वाली कार्रवाई की पाई जाती है , तो क्या उन माननीय सम्माननीय को क्या कोई विभागीय सजा मिलेगी या नही मिलेगी ?
मैं तो उक्त वर्णित अथॉरिटीज नेताओं से उक्त सवाल पूछ कर अखिल वल्लभ भारतवर्ष और उसकी सभी अथॉरिटीज सभी नेताओं का ध्यानाकर्षण इस मुद्दे की तरफ आकर्षित करना चाहता हूं । और ये चाहता हूं कि उक्त मामले में कॉम्पिटेंट अथॉरिटीज से निष्पक्ष जांच करवाई जाए ,निष्पक्ष मतलब निष्पक्ष यानी दूध का दूध और पानी का पानी ,लेकिन लीपापोती नही और निष्पक्ष जांच के बाद यदि व्यापारी सुशील जी वास्तव में निर्दोष है सही है तो फिर उनका धन उनको वापस मिलना चाहिए। और ये भी चाहता हूं कि ये सुनिश्चित हो राष्ट्रीय और राज्यीय हायर अथॉरिटीज के द्वारा कि कोई भी माननीय सम्माननीय बुलंद इकबाल धारी पुलिस अथॉरिटीज कार्मिक किसी भी निर्दोष सही व्यापारी या आम आदमी के विरूद्ध किसी भी प्रकार से नाजायज तरीके से कोई कार्रवाई नहीं करे। किसी भी माननीय सम्माननीय बुलंद इकबाल धारी पुलिस या अन्य प्रशासनिक अथॉरिटी को अपनी ड्यूटी करने की तो तलब हो, कर्तव्यपरायणता की तो तलब हो, लेकिन किसी भी निर्दोष या सही व्यक्ति या व्यापारी से उसका धन आचार संहिता के नाम पर गलत नाजायज तरीके से जब्त करने की हिम्मत ना हो , किसी निर्दोष या सही व्यापारी या व्यक्ति के विरुद्ध कोई गलत नाजायज कार्रवाई करने की हिम्मत कदापि न हो ,प्रत्येक अथॉरिटी अपनी मर्यादा में रहकर संविधान और कानून विधि सम्मत कार्रवाई ही करे।