चंडीगढ़। आज यानी 10 नवंबर को मनाए जा रहे धनतेरस पर शहर में सोने-चांदी से लेकर बर्तन की विशेष तरह की खरीदारी के चलते दुकानदार काफी उत्साहित हैं। धनतेरस को लेकर शहरों के बाजार पूरी तरह से सज गए हैं। ज्यादातर शहरों में सुबह आठ बजे से दुकानें खुल गईं और रात में भी ये दुकाने देर रात करीब 11 बजे तक खुली रहेंगी। आभूषणों से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों की खरीद पर उपहार व विशेष तरह की छूट बाजारों में मिल रही है। विभिन्न माध्यमों से इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों पर कई तरह के उपहार साथ दिए जा रहे हैं।
यह है खरीदारी का शुभ मुहूर्त
धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त 10 नंवबर को दोपहर करीब 12:35 बजे से शुरू हो चुका है, जो कि 11 नवंबर को दोपहर लगभग 01:57 बजे तक रहेगा।
धनतेरस पर बनेंगे एक साथ चार राजयोग
अगर आप पुष्य नक्षत्र में कोई खरीदारी करने से चूक गए हैं तो अगले सात दिन में 14 बड़े शुभ योग बन रहे हैं। इनमें आप कोई भी सामान खरीद सकते हैं। नया बिजनेस या दुकान जैसी चीजें शुरू करना चाहते हैं, तो वो भी कर सकते हैं। छह से 12 नवंबर यानी दीपावली तक हर दिन कोई न कोई शुभ योग रहेगा। इन सबमें सबसे शुभ मुहूर्त दीपावली के दो दिन पहले धनतेरस पर रहेगा।
इस दिन चार राजयोग और एक शुभ योग बन रहा है। इस तरह पांच योगों का महासंयोग 10 नवंबर को रहेगा। धनतेरस पर वैसे भी सोना-चांदी और बर्तन खरीदने की परंपरा रही है। इस बार इन पांच योगों के कारण ये और भी खास हो जाएगी।
शनिवार को है सर्वाथसिद्धि योग
शनिवार को सर्वाथसिद्धि योग भी है। इस दिवस पर भगवान धनवंतरि, देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा की जाती है। धनतेरस इस बार दो दिन शुक्रवार और शनिवार को मनाई जा रही है। सोना, चांदी, पीतल, स्टील धातु की खरीद शुभ माना जाता है।
शुक्रवार को इस त्योहार को लेकर बर्तन स्टोर खूब सजाकर रखे गए हैं। लोग धनतेरस में अपनी रसोई में नया बर्तन खरीदना शुभ मानते हैं। इसलिए महिलाएं घर की जरूरत के अनुसार बर्तनों की खरीददारी करते हुए देखी गई। इस दिन लोग कई प्रकार के बर्तन जैसे स्टील के बर्तन, मिट्टी के बर्तन, नॉन स्टिक बर्तन, कांच के बर्तन आदि शामिल हैं।
परंतु धनतेरस को लोग आम तौर पर स्टील के बर्तन ही खरीद रहे हैं। बहुत लोग दीपावली को गिफ्ट देने के लिए भी इन बर्तनों की खरीदारी करते हुए देखे गए। दीपावली वाले दिन इन नए बर्तनों को भी पूजा के लिए मां लक्ष्मी के चरणों में रखा जाता है।
धनतेरस पुर 13 दीये जलाने की है प्रथा
धनतेरस पर 13 दीये जलाने की प्रथा है। इन दीयों को घर में अलग-अलग जगहों पर रखना चाहिए, जैसे प्रवेश द्वार पर, रसोई में और पूजा कक्ष में। प्रत्येक दीये का अपना विशिष्ट अर्थ होता है। कौन से शुभ योग बन रहेजो योग रहेंगे उनमें शुक्ल, ब्रह्म, इंद्र, स्थिर, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, दामिनी, उभयचरी, वरिष्ठ, सरल, शुभकर्तरी गजकेसरी और सर्वार्थसिद्धि योग शामिल हैं।