गुरुग्राम। दिल्ली-जयपुर हाईवे पर बुधवार रात निजी बस में आग लगने के बाद 40 घंटों से लापता पांच साल की दीपाली के शव के अवशेष जली हुई बस से ही बरामद किए गए हैं। इससे पहले बस से दो शव बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेजे गए थे। पोस्टमार्टम के दौरान दोनों शव महिलाओं के होने की जानकारी मिलने के बाद बच्ची की तलाश तेज हुई।
शुक्रवार दोपहर 12 बजे फॉरेंसिक टीम ने बस से बच्ची के अवशेष बरामद किए। वहीं एक और तीन साल की बच्ची ने सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। अब इस हादसे में मरने वालों की संख्या चार हो गई है। बुधवार रात आठ बजे गुरुग्राम के सेक्टर 12 चौक से उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के लिए निकली निजी बस में हाईवे पर गूगल ऑफिस के सामने फ्लाईओवर पर आग लग गई थी। इस हादसे में 15 लोग आग से झुलस गए थे।
लोगों ने खिड़कियों से कूदकर जान बचाई थी। कूदने से भी करीब 10 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। आग बुझने के बाद पुलिस टीम ने बस से दो शव बरामद किए थे। एक परिवार ने महिला और पांच साल की बच्ची मिसिंग बताई थी। इससे यह माना जा रहा था कि जो शव पोस्टमार्टम हाउस भेजे गए, वह मां-बेटी के थे, लेकिन गुरुवार दोपहर बाद जब पोस्टमार्टम किया गया, तब दोनों शव 22 से 28 साल के बीच की महिलाओं के निकले।
फॉरेंसिक टीम से बस की दोबारा जांच कराई गई
एक अन्य युवक बलू द्वारा अपनी पत्नी के मिसिंग बताने पर दोनों शवों की पहचान माया और गायत्री के रूप में की गई। वहीं इसके बाद माया की बेटी दीपाली लापता बताई गई। पुलिस टीमों ने शहर के लगभग सभी अस्पतालों की जांच कराई। जब बच्ची कहीं नहीं मिली, तब फॉरेंसिक टीम से दोबारा बस की जांच कराने का फैसला लिया गया। इस मामले के आइओ सेक्टर 40 के एडिशनल एसएचओ विनोद कुमार ने बताया कि दोबारा जांच में बच्ची के अवशेष बस से बरामद किए गए। दूसरी ओर गंभीर रूप से झुलसी तीन साल की बच्ची अन्या सफदरजंग अस्पताल में भर्ती थी। इलाज के दौरान उसने भी दम तोड़ दिया। अन्या गायत्री की बेटी थी।
महिलाओं के शवों का एक साथ अंतिम संस्कार
बस से बरामद दो महिलाओं के शवों के पोस्टमार्टम के दौरान एक महिला के गर्भवती होने की जानकारी भी सामने आई है। हालांकि, पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर माथुर का कहना है कि आग से दोनों महिलाओं के सभी अंग जल गए। हो सकता है कि वह किसी अंग का ही पार्ट हो। गर्भवती होने की जांच के लिए सैंपल लिए गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही साफ हो पाएगा। वहीं गर्भवती होने की जानकारी के बाद गुरुवार शाम दोनों महिलाओं के परिजन ने शव लेने से इनकार कर दिया था।
शवों की पहचान के लिए होगा डीएनए टेस्ट
माया के पति विनोद का कहना था कि उन्हें पांच महीने का एक बेटा है। ऐसे में उनकी पत्नी गर्भवती नहीं हो सकती। वहीं बलू का कहना था कि उन्होंने भी दो बच्चे आर्यन और अन्या के होने के बाद पत्नी की नसबंदी कराई थी। शुक्रवार को शव परिजन को सौंप दिए गए। दोनों शवों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया। फिलहाल शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट कराया जाएगा। इसके लिए भी नमूने लिए गए हैं।