*भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे ग्राम प्रधान पर दिव्यांग महिला ने आवास में 75हज़ार रूपए लिए जाने का लगाया आरोप…*
*पीड़ित महिला ने शासन प्रशासन को लिखा शपथ पत्र, लगाई न्याय की गुहार*
*ग्रामीणों ने भी विकास कार्यों में हुई धांधली की टी ए सी जांच के लिए शासन प्रशासन सहित उच्चाधिकारियों को भेजा शपथ पत्र*
*ग्रामीणों ने जांच अधिकारियों की जांच पर उठाए सवाल, जांच में सिर्फ़ खानापूर्ति का लगाया आरोप, सही तरीके से नहीं की गई जांच*
*ग्राम पंचायत सुहेल में विकास कार्यों के नाम पर हुई धांधली की जांच के लिए उपायुक्त स्वतः रोज़गार व सहायक अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग बनाए गए थे जॉच अधिकारी*
*चित्रकूट.* जिले के सबसे चर्चित ब्लाकों में शुमार रामनगर ब्लाक हमेशा चर्चाओं में बना रहता है कभी ठेकेदारों की मनमानी की वजह से तो कभी ग्राम पंचायतों में कराए गए विकास कार्यों में हुई धांधली के नाम पर सुर्खियों में बना रहता है इस ब्लाक में विकास कार्यों के नाम पर ख़ूब फर्जीवाड़ा देखने को मिलता है जिसमें ज़िम्मेदार अधिकारी की भूमिका बड़ी संदिग्ध नजर आती है जिम्मेदार अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी कमीशनखोरी के चलते चुप्पी साधे हुए दिखाई देते हैं l
*ऐसा ही कुछ मामला सामने आया है रामनगर ब्लाक के ग्राम पंचायत सुहेल का l*
रामनगर ब्लाक के ग्राम पंचायत सुहेल में ग्राम प्रधान व सचिव की मनमानी खूब देखने को मिली है जिसमें ग्राम प्रधान व सचिव की मिलीभगत से ठेकेदार ने विकास कार्यों के नाम पर ख़ूब धांधली की है वहीं ग्राम प्रधान ने लोहिया आवास योजना का लाभ दिए जाने के एवज में मनमाने तरीके से पैसे ऐंठने का काम किया है l
ग्राम पंचायत सुहेल की दिव्यांग महिला जानकी देवी पुत्री सुंदर ने मुख्यमंत्री महोदय,जिलाधिकारी महोदय व उप जिलाधिकारी महोदय मऊ को सौंपे गए शपथ पत्र में बताया कि प्रार्थिया दोनों आखों से दिव्यांग है इसके बावजूद ग्राम प्रधान अरविंद यादव द्वारा लोहिया आवास योजना का लाभ दिए जाने के एवज में 75हज़ार रूपए ऐंठे गए थे वहीं पीड़िता ने ग्राम प्रधान पर विकास कार्यों के नाम पर हुई धांधली की जांच के लिए भी शपथ पत्र लिखा है जिसमें लोहिया आवास योजना में लिए गए पैसे की जॉच में ग्राम प्रधान अरविंद यादव व सचिव परिवर्तन प्रताप सिंह द्वारा पीड़ित महिला पर दबाव बनाया जा रहा है व बार बार पीड़ित दिव्यांग महिला से सवाल पूंछ पूंछ कर मामले को दिशाहीन बनाने की कोशिश की जा रही है l
वहीं ग्राम पंचायत सुहेल के ग्रामीणों ने शासन प्रशासन सहित उच्चाधिकारियों को दिए गए शिकायती पत्र में वित्तीय वर्ष 2015 से वित्तीय वर्ष 2023 तक ग्राम पंचायत में कराए गए विकास कार्यों में हुई धांधली की टी ए सी जांच की मांग की है जिसमें 35बिंदु शामिल हैं l
शासन प्रशासन व उच्चाधिकारियों को भेजे गए शपथ पत्र पर ग्राम पंचायत सुहेल में विकास कार्यों की जॉच हेतु समिति गठित की गई जिसमें जॉच उपायुक्त स्वतः रोज़गार व सहायक अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग जांच अधिकारी बनाए गए जिसमें जांच अधिकारियों द्वारा विकास कार्यों की गंभीरता से जॉच नहीं की गई सिर्फ़ खानापूर्ति करके जॉच रिपोर्ट जिम्मेदार अधिकारियों को प्रेषित कर दी गई है l
शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि जांच अधिकारियों द्वारा कुछ कार्यों को देखकर ही रिपोर्ट लगा दी गई है इन विकास कार्यों में लगने वाली सामग्री व लंबाई चौड़ाई व ऊंचाई की माप नहीं की गई है सिर्फ़ अनुमान लगाकर रिपोर्ट लगाई गई है l
वहीं शिकायतकर्ताओं के अनुसार जॉच अधिकारी बिना शिकायतकर्ता को साथ लिए अकेले ही जांच के नाम पर खानापूर्ति करते रहे और फिर ग्राम प्रधान के चहेते ग्रामीणों से बयान करके जांच रिपोर्ट लगाई गई है और शासन प्रशासन को गलत जांच रिपोर्ट सौंपकर ग्राम पंचायत सुहेल में विकास कार्यों में हुए भ्रष्टाचार को दबाने का काम किया गया है l
मनरेगा गांव सुहेल में ग्राम प्रधान अरविंद यादव व पूर्व में तैनात रहे सचिव सनत कुमार की मिलीभगत से ठेकेदार द्वारा विकास कार्यों के नाम पर फर्जीवाड़ा करते हुए सरकारी धन का मनमाने तरीके से बंदरबाट किया गया है ग्राम पंचायत में मनरेगा योजना से कराए गए इंटरलाकिंग खड़ंजा निर्माणकार्य, नाली निर्माण कार्य, पुलिया निर्माण कार्य,विद्यालयों के मरम्मतीकरण, मेडबंदी व समतली करण में मानक विहीन सामग्री का उपयोग कर निर्माण कार्य कराए गए हैं वहीं ग्राम निधि राज्य वित्त आयोग,चौदहवें वित्त आयोग व पंद्रहवें वित्त आयोग की धनराशि में खूब फर्जीवाड़ा करते हुए सरकारी धन का गबन किया गया है जिसमें ज़िम्मेदार अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध नजर आ रही है l
सबसे बड़ी सोंचने वाली बात यह है कि ग्राम प्रधान द्वारा लोहिया आवास योजना का लाभ दिए जाने के नाम पर दोनों आखों से दिव्यांग महिला से 75हज़ार रूपए ऐंठने का काम किया गया लेकिन जॉच अधिकारियों द्वारा व ग्राम प्रधान व सचिव द्वारा दिव्यांग महिला से एक ही सवाल को बार बार पूंछकर मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है जिसके कारण पीड़ित दिव्यांग महिला काफ़ी घबराई हुई है l
अब देखना यह है कि ज़िला प्रशासन ग्राम पंचायत सुहेल में दोनों आखों से दिव्यांग महिला से लोहिया आवास योजना का लाभ दिए जाने के एवज में 75हज़ार रूपए ऐंठने व मनरेगा योजना से कराए गए विकास कार्यों में हुई धांधली की उच्च स्तरीय जांच कराकर आरोपी ग्राम प्रधान व सचिव के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही करने का काम करेगा या फिर ग्राम प्रधान व सचिव अपनी मनमानी करते हुए ऐसे ही विकास कार्यों के नाम पर सरकारी धन का बंदरबाट करते रहेंगे यह एक बड़ा सवाल है l