शेरगढ़। छह साल का दक्ष अपने खेल में मस्त था। मंगलवार शाम करीब पांच बजे वह खेलते हुए अपने खेतों की ओर चला गया। खेतों के सामने ही जंगल हैं, वहां से कुत्तों को झुंड आया और दक्ष पर हमला कर दिया। दक्ष ने भागने का प्रयास किया मगर, भाग नहीं सका। कुत्तों ने उसे गिरा लिया और नोचना शुरू कर दिया। शाम का समय होने की वजह से सभी लोग घरों में थे, इसलिए उसके चीखने की आवाज भी किसी ने नहीं सुनी। कुत्तों ने उसे नोचकर मार डाला। गांव वालों ने जब दक्ष को सड़क पर पड़ा देखा तो परिवार को सूचना दी। स्वजन उसे अस्पताल लेकर दौड़े। डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
शेरगढ़ के ही रहने वाले छेदालाल किसान हैं। उनके घर से महज 400 मीटर की दूरी पर ही जंगल और खेत हैं। उन्होंने बताया कि उनका बेटा दक्ष खेलते हुए खेतों की ओर चला गया। जब वह काफी देर तक नहीं लौटा तो उन्होंने उसकी तलाश शुरू की। इसी बीच जंगल की ओर से आने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि दक्ष लहूलुहान हालत में अस्पताल के पास पड़ा हुआ है। मौके पर स्वजन पहुंचे तो देखा कि दक्ष के शरीर पर कई जख्म थे। उसकी गर्दन, हाथ, पैर, मुंह, पेट, पैर सभी कुछ कुत्तों ने नोच लिया था। उसका मांस भी नोचकर खा गए थे। सभी कपड़े भी बुरी तरह से फटे थे।
हालत देखकर परिजनों के पैरों तले खिसक गई जमीन
दक्ष की हालत देखकर स्वजन के पैरों तले से जमीन खिसक गई। उसे उठाकर सभी अस्पताल की ओर दौड़े। निजी अस्पताल में डक्टर ने दक्ष को मृत घोषित कर दिया। ऐसा नहीं है कि दक्ष पर कुत्तों ने पहली बार हमला किया है। इससे पहले भी कुत्तों के हमले से कई अन्य बच्चों की भी जान जा चुकी है। कुत्तों की हमले की वजह से जिला प्रशासन पर सीधे तौर पर आरोप लग रहे हैं।
सभासद ने की आर्थिक मुआवजे की मांग
वार्ड के सभासद राकेश राठौर ने कुत्तों के हमले से मृत हुए बच्चों की सूचना पुलिस प्रशासन को दी है। उन्होंने कहा है कि अभी तक क्षेत्र में जितने भी बच्चों पर कुत्तों के झुंड ने हमला किया और उनकी मृत्यु हुई है। ऐसे सभी बच्चों को मुआवजा मिलना चाहिए। आरोप लगाया कि नगर पंचायत की ओर से अभी तक आवारा कुत्तों को पकड़ने का भी कोई प्रयास नहीं किया गया है।