रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर उत्तर विधानसभा क्षेत्र के सभी 201 मतदान केंद्रों में इस बार सिर्फ महिलाओं ने मतदान कराने की जिम्मेदारी संभाली। प्रदेश में पहली बार किसी विधानसभा क्षेत्र का दायित्व पूरी तरह महिलाओं के पास रहा। यहां के सभी केंद्रों पर शांतिपूर्ण मतदान ने इस निर्णय को सही भी सिद्ध किया। यहां पीठासीन अधिकारी से लेकर मतदान अधिकारी तक की भूमिका में महिलाएं ही रहीं। 804 महिलाएं प्रत्यक्ष भूमिका निभा रही थीं, जबकि करीब 200 महिलाओं को विशेष परिस्थितियों के लिए सुरक्षित रखा गया था।




त्रिकोणीय मुकाबला
प्रदेश की मुख्य चुनाव अधिकारी रीना बाबा साहेब कंगाले भी महिला हैं। वहीं इस विधानसभा सीट की पर्यवेक्षक की भूमिका भी महिला आइएएस विमला आर ने निभाई। रायपुर में यह सर्वाधिक चुनौतीपूर्ण क्षेत्र माना जा रहा था, जहां कांग्रेस की तरफ से संसदीय सचिव कुलदीप जुनेजा, कांग्रेस के ही बागी निर्दलीय अजीत कुकरेजा और भाजपा के पुरंदर मिश्रा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है। मतदान केंद्रों पर मतदाता पर्ची जांचने, रजिस्टर में हस्ताक्षर कराने से लेकर अंगुली में स्याही लगाने तक की जिम्मेदारी महिलाओं ने सफलतापूर्वक निभाई।
सुखद अनुभव, दी गई थी ट्रेनिंग
प्राथमिक शाला खमहारडीह मतदान केंद्र में तैनात एक महिला कर्मचारी ने बताया कि उनका अनुभव बहुत ही सुखद रहा। ट्रेनिंग में भी सारी महिलाएं ही थीं। मतदान के दौरान सभी ने समन्वय के साथ पूरी जिम्मेदारी निभाई। एक अन्य महिला कर्मी ने बताया कि शासन-प्रशासन ने उन भरोसा जताया, यह अच्छी बात रही। महिलाएं अकेले हर महत्वपूर्ण दायित्व पूरा कर सकती हैं। निर्वाचन की जिम्मदारी बहुत अहम होती है और हमने सफलतापूर्वक उसे पूरा किया।
निर्वाचन प्रक्रिया शुरू होते ही हमें यह विचार आया कि क्यों न जिले की एक विधानसभा में निर्वाचन का पूरा दायित्व महिलाओं को सौंपा जाए। सभी ने इस विचार को सराहा, फिर हमने इसकी योजना बनाकर पूरा किया। महिलाएं भी हमारे भरोसे पर खरी उतरीं। (डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे, कलेक्टर)
