भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को सिटी बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन ओवरसीज बैंक पर कुल 10.34 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि जमाकर्ता शिक्षा व जागरूकता कोष योजना से जुड़े नियमों और वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग के मामले में आचार संहिता का अनुपालन नहीं करने के कारण सिटीबैंक एनए पर सबसे अधिक पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
एक अन्य विज्ञप्ति में कहा गया है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा पर लॉर्ज कॉमन एक्सपोजर के केंद्रीय भंडार के निर्माण से संबंधित कुछ निर्देशों के उल्लंघन के लिए 4.34 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
चेन्नई स्थित सार्वजनिक क्षेत्र के ऋणदाता इंडियन ओवरसीज बैंक पर ऋण और अग्रिम से संबंधित निर्देशों के उल्लंघन के लिए एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। रिजर्व बैंक ने कहा कि इन तीनों मामलों में जुर्माना नियामकीय अनुपालन में कमियों के कारण लगाया गया है और इसका मकसद बैंकों की ओर से अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल उठाना नहीं है।
अभ्युदय सहकारी बैंक का निदेशक मंडल एक साल के लिए भंग
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने खराब संचालन मानकों के कारण अभ्युदय सहकारी बैंक के निदेशक मंडल को एक साल के लिए भंग कर दिया है। आरबीआई ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व मुख्य महाप्रबंधक सत्य प्रकाश पाठक को एक साल की अवधि के लिए मुंबई स्थित बैंक के मामलों का प्रबंधन करने के लिए ‘प्रशासक’ बनाया गया है।
इसके साथ ही प्रशासक को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में सहायता करने के लिए सलाहकारों की एक समिति नियुक्त की गई है। आरबीआई ने अभ्युदय सहकारी बैंक के निदेशक मंडल को भंग करते हुए कहा, “बैंक में खराब संचालन मानकों के कारण उत्पन्न कुछ भौतिक चिंताओं के कारण यह कार्रवाई की गई है।”