*अवैध खनन रोकने में प्रशासन नाकाम!*
*रात के अंधेरे में दहाड़ती मशीनें, दिन के उजाले में फर्राटा भरते रोड पर नजर आतेओवरलोड डम्फर कार्रवाई शून्य ?*
*पकड़ कर छोड़नें का काम! आखिर कौन है जिम्मेदार ?*
*पहले पकड़ा फिर 20 मिनट बाद छोंडा!*
*नजराना का कमाल कर रहा धमाल!*
*फतेहपुर* जनपद में खनन की शिकायत न करें क्योंकि कि कार्रवाई के बजाय उल्टा नसीहत ही मिलेगी जो सायद आपको हैरत में डाल दें! जहां से कार्रवाई उम्मीद हो वहां नाउम्मीदी ही हांथ लगे वजह बिचौलियों द्वारा दूरभाष उठाना एवं समस्यात्मक विषय जिम्मेदारों को न बताकर गुमराह करना जिले के बाशिंदों का एक दर्द सा बन गया है। हुआ यूं कि बुद्धवार को अवैध खनन की शिकायत जिलाधिकारी से की गई थी। क्यों कि हाइटेंशन लाइन के नीचे खनन चल रहा था। जिस पर संयुक्त टीम की कार्रवाई में दो बुलडोजर व दो डम्फर पकड़े गए जिनपर कार्रवाई हुई लेकिन एक सप्ताह के बाद पुनः नियमों की अनदेखी कर उक्त स्थान पर खनन शुरू हो गया। वहीं दूसरी दो बंद पड़े ईंट भट्ठों के पीछे बगैर पर मीशन के खनन का आरोप है! शिकायत के बाद तहसील प्रशासन के एक नायाब तहसीलदार स्थानीय प्रशासन के साथ बडाहार चौराहे पर ओवरलोड डम्फर पकड़ा 20 मिनट तक ओवर लोड वाहन प्रशासनिक कब्जे में रहनें चर्चा आम है। जिसे नजराने के बाद छोड़ना क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया! टीम के साथ गैर थानें हुसैनगंज स्थानांतरित हुआ एक दरोगा का संचालकों के साथ बेहतर रिस्ते बताए जा रहे। जिसके बाद टीम खनन स्थल का रुख करने के बजाए बैरंग लौट गई। ऐसी चर्चा है कि पूरे मामले में सफेद पोश के साथ स्थानीय तंत्र राजस्व को चूना लगा रही है साथ ही योगी 2.0 की छवि पर बट्टा लगा रही है।
बुद्धवार को हुए पूरे घटनाक्रम की शिकायत व सूर्यास्त के बाद चल रहे अवैध खनन की शिकायत दूरभाष से वृहस्पतिवार को करने के क्रम में शिकायत कर्ता को बिना नाम बताएं हाकिम के मुलाजिम या फिर बिचौलिए नें पहले शिकायत पूंछी जो न तो दायरें में आता है न ही जिम्मेदारी के,फिर उल्टा नसीहत देने लगे बजाए समस्या निस्तारण के आखिर सूचना न तो जिम्मेदार हाकिम तक पहुंची पूरे मामले की नही कोई ठोंस कार्रवाई हुई न अवैध खनन पर लगाम लगाया जा सका आखिर ऐसे जनपद के कितने बाशिंदे होंगे जो हर रोज हाकिम के मुलाजिम से जिन्हें नसीहत मिलती है बजाए समस्या समाधान के जो न तो किसी से कह पाते हैं न सुना पाते!
लोगों कि मानें तो बड़े अधिकारी से पहले मुंशी जी बडे इसी लिए थे क्योंकि सबसे पहली सीढ़ी जिले सम्बंधित तक पहुंचने की यही जो थे। जो मनचाहा वक्तव्य बना कर पेश करनें माहिर जो रहते थे। जिनके वजह से न जानें कितनें फरियादी चौखट से ही बैरंग लौट जाते थे न जाने कितनों के न्याय की उम्मीद नें दम तोड़ा होगा, न जानें कितनों को न उम्मीदी हांथ लगी होंगी!
शायद इसलिए ही मुखबिर तंत्र सिस्टम का कमजोर हो गया हो या फिर इसी दर्द के चलते सिस्टम के बीच दूरियां लोगों में आ गई हो खैर जो भी हो अवैध खनन पर लगाम लगना चाहिए और दूरभाष की सूचना जिम्मेदारों तक पहुंचनी चाहिए!
*पूरे मामले की शिकायत शुक्रवार को डिप्टी सीएम से शिकायत कर्ता करेगा।*