रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ साल के पहले दिन मथुरा में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए. कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने अपने संबोधन में विरोधियों पर तंज भी कसा. उन्होंने कहा कि जो लोग कभी अयोध्या का नाम लेने में भी संकोच करते थे वे आज कह रहे हैं कि निमंत्रण मिला तो जरूर जाएंगे.
..त्रेता युग याद आ जाएगा
सीएम योगी ने राम मंदिर पर बात करते हुए कहा कि आप अब अयोध्या धाम को देखेंगे तो आपको त्रेता युग याद आ जाएगा. जो अयोध्या का नाम लेने में संकोच करते थे, आज वो भी कहते हैं की अगर राम मंदिर का निमंत्रण मिलेगा तो जरूर जाएंगे. यही परिवर्तन है, अगर आप अपनी ताकत का अहसास कराएंगे तो ऐसा बदलाव दिखेगा.
अयोध्या में तेजी से हो रहा विकास
उन्होंने कहा कि अयोध्या में भगवान श्री राम कभी पुष्पक विमान से पहुंचे थे. अब वहां एयरपोर्ट बन गया है, लोग फ्लाइट से पहुंच रहे हैं. अयोध्या के लिए सड़क मार्ग और फ्लाइट सुविधा के बाद इसे जल मार्ग से भी जोड़ने की तैयारी है. उन्होंने कहा कि अयोध्या के लिए सिर्फ सिंगल लेन रेलवे लाइन थी अब चार लेन की रेलवे लाइन है.
22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा
बता दें कि अयोध्या में भगवान राम के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की रस्म आगामी 22 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर होगी. राम मंदिर का निर्माण करा रही संस्था श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने सोमवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘प्राण—प्रतिष्ठा दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर होगी.’
जानी-मानी हस्तियां रहेंगी मौजूद
उन्होंने कहा, ‘प्राण प्रतिष्ठा के बाद आरती करो, पास-पड़ोस के बाजारों में, मुहल्लों में भगवान का प्रसाद वितरण करो और सायंकाल सूर्यास्त के पश्चात दीपक जलाओ. ऐसा ही निवेदन आग्रह प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) जी ने अयोध्या से सारे संसार का आह्वान करते हुए किया है.’ अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में ‘रामलला’ की प्राण प्रतिष्ठा आगामी 22 जनवरी को की जाएगी. इसे लेकर जोरदार तैयारियां की जा रही हैं. कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत देश की अनेक जानी-मानी हस्तियों को आमंत्रित किया गया है.
2019 में आया ऐतिहासिक फैसला
उच्चतम न्यायालय ने नौ नवंबर 2019 को राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद मामले में फैसला सुनाते हुए विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण कराने के आदेश दिये थे. इसके निर्माण के लिये श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया गया था.