पुलिस की कार्रवाई एक बार फिर सवालों के घेरे में है. कानपुर पुलिस के एक दरोगा की बर्बरता इतनी हद तक बढ़ गई कि एक व्यक्ति की जान पर बन आई. आरोप है कि पुलिस अधिकारी ने एक कारोबारी को बंधक बनाकर उसे थर्ड डिग्री टॉर्चर किया. दरोगा ने कारोबारी की बेरहमी से पिटाई कर दी. दरोगा ने पीड़ित को करंट के झटके भी दिए जिसके बाद उसकी बेरहमी से पीटा बिगड़ गई. हालत इतनी खराब हो गई की उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया. पीड़ित अभी आईसीयू में भर्ती है जहां उसकी हालत बेहद सीरियस बताई जा रही है.
गुजैनी के रहने वाले व्यापारी हृदेश की प्लाईवुड एंड हार्डवेयर की दुकान है. हृदेश के भाई तेजस्वी ने बताया कि टीपी नगर के रहने वाले सौरभ भदौरिया की भी नौबस्ता में प्लाईवुड की दुकान है. दोनों के बीच व्यापारिक लेनदेन होते रहते हैं. इस बीच सौरभ के आग्रह पर हृदेश ने हरजिंदर नगर के व्यापारी परणीत से संपर्क कराया था. सौरभ का उससे भी व्यापारिक लेनदेन होने लगा. आरोप है कि परणीत ने माल लेने के बाद रुपये नहीं दिए तो सौरभ ने हृदेश पर दबाव बनाना शुरू कर दिया. उसने नौबस्ता थाने में हृदेश के खिलाफ शिकायत कर दी. इस पर गुरुवार को नौबस्ता थाने में तैनात एटा निवासी दारोगा वीरेश यादव ने फोन कर हृदेश को बुलवा लिया.
पट्टे से दरोगा ने की पिटाई
आरोप है की दरोगा ने हृदेश पर परणीत की बकाया रकम चुकाने कादबाव बनाया. हृदेश ने विरोध किया तो पुलिसकर्मी और दरोगा वीरेश उसे बांधकर पट्टे से पीटने लगे. इतना ही नहीं, दारोगा वीरेश ने लात-घूंसों से भी जमकर पीटा. जिसके कारण रितिक बेहोश हो गया. बाद में घबराए पुलिसकर्मियों ने उसे निजी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया और पीड़ित के परिजनों को जानकारी दी.
सस्पेंड किया गया दरोगा
इसके बाद परिवार के लोगों ने दरोगा और अन्य पुलिस कर्मियों की करतूत के बारे में अफसरों को बताया. एडीसीपी साउथ अंकिता शर्मा ने बताया कि जांच में दरोगा पर लगे आरोप सही पाए गए है. उसको तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करके विभागीय जांच बैठा दी गई है. पुलिस ने यह भी बताया की फिलहाल हृदेश की हालत खतरे से बाहर है और उसका इलाज जारी है.