गाजियाबाद में मंगलवार सुबह पुलिस को सूचना मिली कि एक महिला और एक पुरुष का गोली लगा शव सड़क के किनारे पड़ा है। एक एस क्रॉस गाड़ी भी वहां मौजूद थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने छानबीन शुरू की तो पता चला यह शव पति-पत्नी का है और गाड़ी भी उन्हीं की है। मौके से एक तमंचा भी बरामद हुआ है। शुरुआती जांच में पुलिस मान रही है कि पति ने पत्नी की तमंचे से गोली मारकर हत्या की और फिर सुसाइड कर लिया। लेकिन पुलिस दोनों की हत्या की आशंका की भी जांच कर रही है। दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। मधुबन बापूधाम थाना क्षेत्र के कमला नेहरु नगर में एम्स का नशा मुक्ति केंद्र है। इसके नजदीक सुबह करीब 8 बजे महिला-पुरुष की लाश पड़ी हुई थी। इस सूचना पर तुरंत थाने की पुलिस पहुंची। इसके बाद डीसीपी (सिटी) ज्ञानन्जय कुमार सिंह भी पहुंच गए। दोनों महिला-पुरुष को गोली लगी थी। मृतकों की पहचान 45 साल के विनोद और उनकी 41 साल पत्नी दीपक के रूप में हुई। पास खड़ी कार इन्हीं की थी।
महिंद्रा एन्क्लेव में रहते थे दंपति
पुलिस ने बताया कि दोनो की पहचान विनोद और उनकी पत्नी दीपक के रूप में हुई है। दोनों मूल रूप से मुजफ्फरनगर जिले में भुक्कारेहड़ी गांव के रहने वाले थे। पिछले करीब 10-12 साल से गाजियाबाद के महिंद्रा एन्क्लेव में रहते थे। जांच में पता चला कि पति-पत्नी सोमवार रात करीब 10 बजे घर से कार में निकले थे। इसके बाद वापस नहीं लौटे। रात में उनके बीच क्या हुआ, ये किसी को नहीं पता।
डेडबॉडी पर गोली के निशान
घटनास्थल पर सबसे पहले महिला की लाश पड़ी थी। उसके थोड़ा आगे एस क्रॉस कार खड़ी हुई थी। कार से थोड़ा आगे विनोद का शव पड़ा था। दोनों शवों में करीब 100 मीटर का फासला था। दोनों के सिर में गोली के निशान थे। कार के शीशे पर भी गोली के निशान मिले हैं। साइड मिरर टूटा हुआ था। कार के अंदर भी ब्लड का स्पॉट मिला है। आशंका है कि महिला की हत्या कार के अंदर की गई। फिर उसकी लाश को बाहर फेंका गया।
लाइलाज बीमारी से ग्रसित था पति
मृतक की 15 साल की बेटी ने पुलिस को बताया कि सोमवार को मम्मी-पापा में झगड़ा हुआ था। पापा ने मम्मी का गला दबाने की कोशिश की। इसके बाद वो पिस्टल लेकर घर से चले गए थे। एक पड़ोसी ने बताया कि विनोद ने 2 दिन पहले हिंडन नदी में खुदकुशी का प्रयास किया था। लेकिन, आसपास के लोगों ने बचा लिया। पड़ोसी के मुताबिक, विनोद को संभवत: कोई लाइलाज बीमारी थी। वो चाहता था कि पत्नी और बच्चे अब गांव जाकर रहें और उसको गाजियाबाद में अकेला छोड़ दें। पत्नी इसके लिए तैयार नहीं थी। जिस पर अक्सर दोनों में विवाद होता था।
हत्या कर आत्महत्या की उलझी गुत्थी
डीसीपी (सिटी) कुंवर ज्ञानंजय सिंह के मुताबिक, पुलिस ने इस पूरे केस में परिजनों से पूछताछ की। पता चला है कि विनोद काफी दिनों से डिप्रेशन में थे। वो शाम के समय ज्यादा एग्रेसिव हो जाते थे। कई बार उन्होंने परिजनों से ये भी कहा कि मैं मरूंगा तो अपनी पत्नी को भी साथ लेकर मरुंगा। प्रथमदृष्टया ऐसा लग रहा है कि विनोद चौधरी ने अपनी पत्नी की हत्या कर आत्महत्या की है। इनकी किसी प्रकार की कोई रंजिश सामने नही आई। परिजनों से पूछताछ में ये भी पता चला है कि कुछ दिन पहले विनोद कहीं से तमंचा लाए थे और गाड़ी में छुपाकर रखा हुआ था।