पांच साल में पांच उपचुनाव यह भी इस विधानसभा के लिए इतिहास बन गया। पहले दंतेवाड़ा,चित्रकोट,मरवाही और खैरागढ़ के बाद अब भानुप्रतापपुर में उपचुनाव होने जा रहा है। वैसे तो सरकार के कामकाज को लेकर सत्ताधारी दल पहले के चार उपचुनाव जीत चुकी है और पांचवें पर भी कोई शक की गुंजाईश नहीं दिख रही है। इसलिए भी कि दिवंगत नेता की पत्नी को पार्टी मैदान में उतार रही है और जनता की सहानुभूति भी उनके प्रति रहेगी। वहीं भाजपा आरक्षण और आदिवासी को बडा मुद्दा बनाकर मैदान में उतर रही है,आप पार्टी चुनावी रण को त्रिकोणीय बनाने पूरी तरह तैयार है। कांग्रेस अध्यक्ष मरकाम कह रहे हैं चार के काम पर मांगेगे वोट तो पूर्व अध्यक्ष विक्रम उसेंडी यहां तक दावा कर रहे हैं इस चुनाव में कांग्रेस की जमानत जब्त करा देंगे। हालांकि आगामी विधानसभा से पहले की कोई संभावना इस उपचुनाव के आने वाले परिणाम से करना उचित भी नहीं होगा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि कांग्रेस की सरकार में बस्तर में स्थानीय स्तर पर युवाओं की बटालियन में भर्ती हो रही है। 65 वनोपज की समर्थन मूल्य में खरीदी हो रही है। बिजली बिल हाफ की सुविधा मिल रही है। बस्तर में बंद स्कूलों को खोला गया है। नए शिक्षा सत्र में ढाई सौ से अधिक आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की शुरूआत बस्तर संभाग में होगी। जेलों में बंद निर्दोष आदिवासियों को रिहा किया गया है। बस्तर में 4200 एकड़ जमीन 1700 आदिवासी परिवार को लौटाई गई है। बस्तर विकास प्राधिकरण, मध्य विकास प्राधिकरण और सरगुजा विकास प्राधिकरण में आदिवासी जनप्रतिनिधियों को विकास करने की जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने कहा कि विगत चार वर्षो में जो काम हुए हैं, उसके कारण जनता भानुप्रतापपुर में भी भाजपा को नकारेगी। उन्होंने कहा कि हम स्वर्गीय मनोज मंडावी के कामों को आगे बढ़ाएंगे।
छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष वरिष्ठ आदिवासी नेता विक्रम उसेंडी ने कहा है कि भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की जमानत जब्त होगी। भाजपा ने इस उपचुनाव में कांग्रेस हटाओ, आरक्षण बचाओ का नारा देते हुए कहा कि आदिवासी समाज के आरक्षण में सुनियोजित तरीके से कटौती कराने वाली कांग्रेस को आदिवासी समाज करारा जवाब देने को तैयार है। चुनावी बिगुल बज चुका है। कांग्रेस को चुनौती है कि बचा सके तो भानुप्रतापपुर उपचुनाव में अपनी जमानत डूबने से बचा ले। उसेंडी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की सरकार ने जानबूझकर 32 प्रतिशत आदिवासी आरक्षण को 20 प्रतिशत करवा दिया है। इससे आदिवासी समाज आंदोलित है। आदिवासियों के साथ विश्वासघात करने वाली कांग्रेस को भानुप्रतापपुर उपचुनाव में उसकी करनी का फल मिलना सुनिश्चित है।