भारतीय रिजर्व बैंक ने सुमेरपुर मर्केंटाइल अर्बन कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सुमेरपुर, पाली, राजस्थान का लाइसेंस कैंसिल कर दिया है। केंद्रीय बैंक ने इस बारे में 27 फरवरी को आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि 28 फरवरी से बैंक को अपना कारोबार बंद कर देना है। आरबीआई के नोटिफिकेशन के मुताबिक, सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, राजस्थान से भी बैंक को बंद करने और इसके लिए एक लिक्विडेटर नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है।
बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं
खबर के मुताबिक, रिजर्व बैंक का कहना है कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं। इस प्रकार, यह बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पढ़ी गई धारा 11(1) और धारा 22 (3)(डी) के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करता है। साथ ही बैंक धारा 22(3)(ए), 22(3)(बी), 22(3)(सी), 22(3)(डी) और 22(3)(ई) की जरूरतों का पालन करने में विफल रहा है। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि बैंक का बने रहना उसके जमाकर्ताओं के हितों के लिए नुकसानदायक है।
सार्वजनिक हित पर विपरीत असर पड़ेगा
आरबीआई का कहना है कि बैंक अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के साथ अपने वर्तमान जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने में असमर्थ होगा और अगर बैंक को अपना बैंकिंग व्यवसाय आगे भी जारी रखने की अनुमति दी गई तो सार्वजनिक हित पर विपरीत असर पड़ेगा। इसके लाइसेंस को रद्द करने के परिणामस्वरूप, सुमेरपुर मर्केंटाइल अर्बन कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सुमेरपुर, पाली, राजस्थान को ‘बैंकिंग’ का व्यवसाय संचालित करने से तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित किया गया है, जिसमें दूसरी बातों के अलावा, जमा स्वीकार करना और जमा राशि का पुनर्भुगतान शामिल है।
कस्टमर के लिए क्या हैं विकल्प
प्रावधानों के मुताबिक, हर जमाकर्ता, जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से पांच लाख रुपये रुपये की मोनेटरी लिमिट तक अपनी जमा राशि की जमा बीमा क्लेम राशि हासिल करने का हकदार होगा। बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के मुताबिक, 99.13% जमाकर्ता DICGC से अपनी जमा राशि की पूरी राशि हासिल करने के हकदार हैं। 30 नवंबर, 2023 तक, DICGC ने बैंक के संबंधित जमाकर्ताओं से हासिल इच्छा के आधार पर प्रावधानों के तहत कुल बीमाकृत जमा का 45.22 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही कर दिया है।