जिला ब्यूरो गजेंद्रऔदीच्य लोकेशन विदिशा
शिव महापुराण से पहले निकली कलश यात्रा 50 हजार से अधिक महिलाएं हुईं शामिल, कल से पंडित प्रदीप मिश्रा सुनाएंगे कथा
समिति के धर्मेंद्र सक्सेना ने बताया कि विदिशा में सीहोर के कथावाचक पंडित मिश्रा की सात दिवसीय शिवमहापुराण का आयोजन किया जा रहा है। कथा के एक दिन पहले शनिवार को विदिशा में ऐतिहासिक भव्य कलश यात्रा निकाली गई, जिसमें 50 हजार से अधिक महिलाएं और पुरुष शामिल हुए। कलश यात्रा में शामिल महिलाएं पीली साड़ी पहनकर और कलश को अपने सिर पर रखकर नगर में निकली। इस दौरान मुख्य मार्केट से लेकर कथा स्थल तक अनेकों जगह के लोगों ने पुष्प वर्षा एवं ठंडा पेयजल की व्यवस्था कर इस कलश यात्रा का स्वागत किया है।
मुख्य यजमान संतोष शर्मा एवं सह यजमान राधिका शरण दास ने कलश पूजन के बाद ढोल और डीजे पर चल रहे भजनों के साथ विदिशा नगर में भव्य कलश यात्रा निकाली। जिसको लेकर कलश यात्रा में जिलेभर से 50 हजार से अधिक महिलाएं शामिल हुईं। इस मौके पर बड़ी संख्या में पुरुषों ने भी सहभागिता की।
कथावाचक आचार्य रवि कृष्ण शास्त्री ने कलश यात्रा का महत्व बताते हुए कहा कि कलश सुख-समृद्धि का प्रतीक है। जो लोग कलश यात्रा में चलते हैं सुख-समृद्धि उनका साथ कभी नहीं छोड़ती और परमात्मा की विशेष कृपा के पात्र हो जाते हैं
सनातन श्री हिंदू उत्सव समिति के अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह टीलाखेड़ी ने बताया कि कलश यात्रा में विदिशा विधायक मुकेश टंडन, वरिष्ठ ब्राह्मण, कथावाचक, संत, महंत, समाजिक, राजनैतिक, लोगों के अतिरिक्त बड़ी संख्या मातृशक्ति शामिल हुई।
समिति के सदस्य अभिषेक अरोरा ने कहा कि कलश यात्रा देवी के बाग से प्रारंभ होकर नगर के बडे़ बजार, तिलक चौक, निकाशा, माधवगंज, खरी फाटक, पितलमील, करैयाखेड़ा रोड होते हुए गिरधर कॉलोनी में पहुंची। हालांकि, इस कलश यात्रा में पंडित प्रदीप मिश्रा शामिल नहीं हो सके, फिर भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु कलश यात्रा में पहुंचे।
उक्त जानकारी देते हुए मनोज शर्मा ने बताया कि श्री शिव महापुराण कथा के श्रवण से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट होकर प्राणी मात्र का लौकिक व आध्यात्मिक विकास होता है। जहां अन्य युगों में धर्म लाभ एवं मोक्ष प्राप्ति के लिए कड़े प्रयास करने पड़ते हैं, कलियुग में कथा सुनने मात्र से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है। सोया हुआ ज्ञान वैराग्य कथा श्रवण से जाग्रत हो जाता है।
इस अवसर पर समिति सदस्यों के अतिरिक्त बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।