*आनलाइन उपस्थित का विरोध, दाल में कुछ तो काला या पूरी दाल काली एक छोटी सी दास्तां*
*आनलाइन उपस्थित से क्या है अध्यापकों को खतरा, सूक्ष्म रिपोर्ट*
*उदाहरण पूर्व तैनाती खंड शिक्षा अधिकारी रणजीत कुमार की लहरपुर,बेहटा की कार्रवाई*
सीतापुर सरकार की अत्यंत महत्वपूर्ण पालिसी आनलाइन उपस्थित से अध्यापको पर आखिर ऐसी कौन सी मुसीबत है जो लामबंद होकर कर रहे हैं विरोध प्रदर्शन। क्या महीने में चार दिन आकर पूरे माह की रजिस्ट्रर में उपस्थिति दर्ज कराकर वेतन निकालने वालें अध्यापक, या फिर महीने में एक दिन आकर रजिस्टर में उपस्थित भरकर वेतन निकालने वालें अध्यापक या फिर उपस्थित हाजरी का ठेका लेने वाले संकुल प्रभारी या फिर ब्लाक मुख्यालय पर बैठे खंड शिक्षा अधिकारी कुछ तो काला जरुर है, इसी लिए लामबंद होकर आनलाइन उपस्थित का विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। सरकार की पहल अत्यंत सराहनीय है जिसको लेकर अभिभावक अत्यंत खुश हैं परंतु कुछ ऐसे अध्यापकों के लिए जरुर दुखदाई व कष्टकारी हैं जो महीने में चार दिन स्कूल आकर पूरे माह की चंद पैसों में उपस्थित दर्ज करा कर पूरे माह की वेतन निकालते हैं। इनकी सांठ गांठ संकुल प्रभारी, संघ के अध्यक्ष/ महामंत्री से लगाकर खंड शिक्षा अधिकारी तक होती है जब कभी कभार कोई मीडिया कर्मी ख़बरें प्रकाशित करता है तो खानापूर्ति के लिए कुछ कारवाई जरूर होती हैं लेकिन मामला सेट हो जानें पर फिर वही प्रक्रिया चलने लगती है। ज्ञातव्य है कि जब लहरपुर,बेहटा का चार्ज खंड शिक्षा अधिकारी रणजीत कुमार ,के पास हुआ करता था,उस दौरान लहरपुर विकास खंड के कई स्कूलों में शिक्षक महीने में एक ही दिन आकर पूरे माह की वेतन निकालते थे वही परंपरा आज भी कुछ स्कूलों में चल रही है। विकास खंड लहरपुर व
विकास खंड बेहटा जनपद के ऐसे ब्लाक थे जहां पर, अध्यापक घर बैठ कर पूरे माह की वेतन निःसंकोच होकर निकालते थे जिनसे अपना कमीशन लेने हेतु अध्यापक की चेक बुक संकुल प्रभारी के पास हर समय रखखी रहती थी, कुछ अध्यापक ऐसे भी थे जिनकी साहब से डायरेक्ट सेटिंग थी, इसका खुलासा एक हिंदी दैनिक समाचार पत्र के संवाददाता ने जब किया था तो ग्राम डंडपुरवा,गौर चौखड़िया,चकलेबाबा,शाहपुर, बेलवा, आदि विद्यालयों के लगभग एक दर्जन अध्यापकों पर कार्रवाई की गई थी व लगभग एक दर्जन अध्यापकों पर लहरपुर विकास खंड में भी कार्यवाही की गई थी। जानकारों की मानें तो आनलाइन उपस्थित से अध्यापको का ठेका लेने वाले लोगों की दुकानें बंद होने का खतरा बढ़ गया है और साहब की भी ओवर इनकम की दुकान बंद होने का खतरा मंडरा रहा है। आनलाइन उपस्थित का विरोध क्या इसीलिए है या कुछ और है। जानकारों के अनुसार जब आठ हजार रुपए पानें वाले अध्यापक पूरा समय स्कूल में देते हैं और उन्हें फिर भी कोई दिक्कत नहीं है परंतु 50 हजार,70 हजार पानें वाले अध्यापक क्यों आनलाइन उपस्थित का विरोध कर रहे हैं इसमें कुछ तों दाल में काला जरुर है। या फिर पूरी दाल ही काली है।