स्वच्छता ही सेवा-2024 कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में 5 लाख 37 हजार से अधिक शौचालय विहीन परिवारों के लिए शौचालयों का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के अंतर्गत देश के पांच सबसे अच्छे शहरों में देहरादून का शामिल होना गौरव की बात है।
मंगलवार को देहरादून के परेड मैदान में सीएम धामी ने स्वच्छता ही सेवा-2024 कार्यक्रम में प्रतिभाग करने के साथ ही क्रॉस कंट्री मैराथन दौड़ को फ्लैग ऑफ कर रवाना किया। इस दौरान सीएम धामी ने उपस्थित सभी लोगों को स्वच्छता की शपथ दिलाई और ‘एक पेड़ मां’ के नाम अभियान के अंतर्गत पौधरोपण भी किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर बालिकाओं को किशोरी किट का वितरण भी किया। इससे पहले मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर विश्वकर्मा पूजन किया और सभी को विश्वकर्मा दिवस की शुभकामनाएं प्रदान की।
भारत को स्वच्छता के नए आयामों पर पहुंचाया
इस दौरान सीएम ने प्रधानमंत्री मोदी को उनके जन्मदिवस पर शुभकामनाएं देते हुए प्रभु से उनके दीर्घायु की कामना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की स्वच्छता के प्रति सजगता, निष्ठा और नेतृत्व हम सबको प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि आज उनके जन्मदिवस के सुअवसर पर हम स्वच्छता पखवाड़े की शुरुआत कर रहे हैं।
यह स्वच्छता पखवाड़ा दो अक्तूबर को संपन्न होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी जी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद स्वच्छ भारत का मिशन शुरू किया था, जिसके कारण आज देश के हर व्यक्ति के अंदर स्वच्छता का भाव उत्पन्न हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के ऐतिहासिक और दूरदर्शी विजन ने भारत को स्वच्छता के नए आयामों पर पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में देशभर के अंदर करोड़ों शौचालय का निर्माण हुआ, कचरा प्रबंधन के लिए जरूरी सुविधाओं का विकास किया गया है और स्वच्छता को लेकर आम लोगों में जागरूकता आयी है।
बताया कि उत्तराखंड भी स्वच्छता के मामले में सराहनीय प्रगति के साथ आगे बढ़ रहा है। उत्तराखंड को वर्ष 2017 में देश का चौथा ओडीएफ राज्य होने का गौरव प्राप्त हुआ। अब तक राज्य में कुल 5 लाख 37 हजार से अधिक शौचालय विहीन परिवारों के लिए शौचालयों का निर्माण किया गया है। इसके अलावा 2600 से भी अधिक स्वच्छता कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया गया है। 9000 से अधिक गांव में ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन का कार्य पूरा किया गया है। 77 विकासखंडों में प्लास्टिक कचरा प्रबंधन की इकाइयां स्थापित कर ली गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि मार्च 2025 तक राज्य के शत प्रतिशत गांव में कचरा प्रबंधन का कार्य शुरू किया जाएगा।