चंडीगढ़ के सेक्टर 10 में चार दिन पहले (11 सितंबर) हो हुए ग्रेनेड अटैक के दूसरे आरोपी विशाल को भी पंजाब पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया. इस हमले का मकसद पूर्व पुलिस अधीक्षक की हत्या करना था. ग्रेनेड हमले की साजिश पाकिस्तान में बैठे गैंगस्टर हरविंदर रिंदा और कनाडा से उसके साथी हैप्पी पासिया ने रची थी.
पंजाब पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी की पहचान विशाल के रूप में हुई है. विशाल को केंद्रीय जांच एजेंसियों के साथ तालमेल बनाकर पंजाब पुलिस स्पेशल सेल अमृतसर की टीम ने गिरफ्तार किया है.
डेरा बाबा नानक का रहने वाला है विशाल
अमृतसर पुलिस के अनुसार विशाल मूल रूप से डेरा बाबा नानक क्षेत्र का रहने वाला है. वह पिछले कुछ सालों से एक अन्य आरोपी रोहन मसीह के साथ जम्मू-कश्मीर में बढ़ई का काम भी कर रहा था. मसीह को पुलिस ने शुक्रवार को अमृतसर से ग्रेनेड अटैक के आरोपी के रूप में गिरफ्तार किया था. वह अमृतसर के गांव पासिया का निवासी है. उसके पास से पुलिस ने नौ एमएम का पिस्टल और गोला-बारूद बरामद किया था.
पासिया ने पांच लाख देने का किया था वादा
पुलिस के मुताबिक मुख्य आरोपी रोहन और विशाल को कथित तौर पर अमेरिका स्थित गैंगस्टर हैप्पी पासिया ने पांच लाख रुपये देने का वादा किया था, जो पाकिस्तान स्थित आतंकवादी हरविंदर सिंह रिंदा की ओर से आतंकी मॉड्यूल संचालित करता है. बताया जा रहा है कि आतंकी संगठन ने रोहन मसीह को हथगोले और हथियार मुहैया कराए थे, जिन्हें पाकिस्तान के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा पार से ड्रोन के जरिए तस्करी कर लाया गया था. पंजाब के पुलिस अधिकारी के अनुसार, “हमले के बाद दोनों आरोपी अमृतसर जाने वाली बस में सवार हुए और बाद में अपने-अपने रास्ते चले गए.”
बता दें चंडीगढ़ ग्रेनेड हमले का आरोपी 11 सितंबर की शाम को दोनों आरोपी ऑटो-रिक्शा में सवार होकर चंडीगढ़ के सेक्टर 10 में पूर्व एसपी के घर पर ग्रेनेट से हमला बोला था. हमलावरों को लगा था कि यह घर सेवानिवृत्त पुलिस अधीक्षक जसकीरत सिंह चहल का है, जो दो साल पहले तकसेक्टर 10 के घर की पहली मंजिल पर किराए पर रह रहा था.
इसने ली ब्लास्ट की जिम्मेदारी
इस हमले के बाद अमेरिका स्थित खालिस्तानी गैंगस्टर हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया के नाम से सोशल मीडिया पर पोस्ट करके हमले की जिम्मेदारी ली है. उसी ने वित्तीय और रसद की व्यवस्था की. पुलिस सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान स्थित बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादी हरविंदर सिंह रिंदा और उसके गिरोह को 1986 की घटना के बाद चहल को निशाना बनाने का काम सौंपा गया था.