हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में बीते दिन मस्जिद विवाद को लेकर काफी तनावपूर्ण माहौल रहा. सांप्रदायिक तनाव के कारण लोगों ने अपने घरों से निकलना बंद कर दिया था. वहीं सांप्रदायिक तनाव की वजह से होटल व्यवसायियों को भी नुकसान हुआ है. व्यवसायियों ने कहा कि मस्जिद विवाद को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के बाद सांप्रदायिक तनाव के कारण पर्यटकों की संख्या कम हुई है. तनाव की वजह से पर्यटक आने से बच रहे हैं. हालांकि विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा लेकिन पर्यटन पर असर पड़ा है.
शिमला ने होटल व्यवसायियों ने कहा कि मस्जिदों में अनधिकृत निर्माण को लेकर विरोध-प्रदर्शन से सांप्रदायिक तनाव के कारण पर्यटकों की संख्या पर असर पड़ा है. शिमला होटल एवं पर्यटन हितधारक संघ के अध्यक्ष एमके सेठ ने कहा कि सामान्य तौर पर सितंबर में 40-50 प्रतिशत होटल भर जाते थे, लेकिन इस वर्ष मौजूदा माहौल के कारण बुकिंग घटकर 10-20 प्रतिशत ही रह गई है.
मस्जिद विवाद से पर्यटकों की घटी संख्या
एमके सेठ ने कहा कि विरोध-प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन इससे पर्यटन पर असर पड़ा है. तनावपूर्ण माहौल से बचने के लिए पर्यटक शिमला आने से कतरा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पिछले सालों की अपेक्षा इस बार होटलों की बुकिंग में काफी कमी देखी जा रही है. उन्होंने कहा कि यदि स्थिति बिगड़ती है तो हालात और बदतर हो सकते हैं, क्योंकि पर्यटक यात्रा के लिए शांतिपूर्ण जगहों की तलाश करते हैं.
एमके सेठ ने कहा कि कोविड महामारी के बाद पर्यटन उद्योग चरमरा गया है और पिछले साल मानसूनी बारिश ने कहर बरपाया, जिससे पर्यटन क्षेत्र को भारी नुकसान हुआ.
क्यों नहीं आ रहे पर्यटक?
30 अगस्त को शिमला के मलयाणा क्षेत्र में अल्पसंख्यक समुदाय के एक नाई और एक अन्य स्थानीय व्यवसायी के बीच हाथापाई से शुरू हुआ विवाद सांप्रदायिक मुद्दे में बदल गया. जहां हिंदू संगठनों ने अनधिकृत मस्जिदों को गिराने की मांग की. मस्जिद को गिराने की मांग को लेकर सांप्रदायिक तनाव बन गया. हिंदू संगठनों ने जिले के अलग-अलग जगहों पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. वहीं सेठ ने कहा कि स्थानीय निवासी राज्य में आने वाले बाहरी लोगों की पहचान और सत्यापन की मांग कर रहे हैं.