शिवदीप वामनराव लांडे, बिहार कैडर का एक ऐसा IPS अधिकारी, जिसकी पहचान सुपरकॉप के रूप में रही है. शॉर्ट में शिवदीप लांडे के नाम से मशहूर इस IPS अधिकारी की धाक ऐसी थी कि इसके नाम से ही बड़े-बड़े सूरमा कांपने लगते थे. आलम यह था कि केवल ‘लांडे आ रहा है’, इतना सुनते ही अपराधी अपना रास्ता बदल लेते थे. शिवदीप लांडे जब पटना के सिटी SP थे, तब उन्होंने कई ऐसे कार्य किए, जिसकी चर्चा आज भी होती है.
2006 बैच के IPS अधिकारी शिवदीप लांडे का कहना था, जो कानून का दुश्मन, वो मेरा दुश्मन. 2014 में जब शिवदीप लांडे पटना के सिटी SP थे, तब अपराधियों पर उनके नाम का खौफ ऐसा कि कोई अगर झूठ में ही कोई लांडे के आने की बात कह देता था तो अपराधी अपना रास्ता बदल देते थे. राजधानी के पटना वीमेंस कॉलेज की गिनती प्रतिष्ठित महिला कॉलेज में होती है. इस कॉलेज में केवल छात्राएं पढती हैं. लिहाजा इसके इर्द-गिर्द शोहदों का जमावड़ा हो जाया करता था.
हर छात्रा के पास था शिवदीप लांडे का नंबर
इसकी सूचना एक बार शिवदीप लांडे को मिली. फिर उन्होंने एक नायाब कदम उठाया. दरअसल, लांडे की एक खासियत थी, वह चुपके से अपने काम को अंजाम देते थे. लांडे पटना वीमेंस कॉलेज के पास चुपचाप अपने वाहन से चले आते थे. इसके बाद शोहदों की जो आवभगत होती थी, उसे वह भूल भी नहीं पाते थे. केवल पटना वीमेंस कॉलेज नहीं, बल्कि राजधानी के अलग-अलग इलाकों को वह चुपके से चले जाते थे. इसके बाद शोहदों की शामत आ जाती थी. शिवदीप लांडे ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर विशेष ध्यान रखा. कहा जाता है कि तब पटना वीमेंस कॉलेज में पढ़ने वाली हर छात्रा के पास शिवदीप लांडे का मोबाइल नंबर हुआ करता था.
लहरिया कट पर विशेष नजर
न केवल शोहदों बल्कि लहरिया कट बाइक चलाने वाले पर भी लांडे की नजर टिकी रहती थी. दरअसल, आम तौर पर पब्लिक प्लेस में लहरिया कट बाइक चलाने वालों से आम लोग परेशान रहते थे. लांडे ने इन लहरिया कट वालों की ऐसी दवाई की कि वह लांडे के नाम से ही कांप जाते थे. लांडे इन लहरिया कट वालों को बीच सड़क पर रोकते थे, इसके बाद उनकी दवाई करते थे. वो जब तक पटना के सिटी SP रहे, लहरिया कट वाले सुधर कर ही बाइक चलाते थे.
पीरबहोर में बदमाशों का निकाला जुलूस
पटना के सिटी SP रहते एक और मामला बहुत चर्चित हुआ था. जब शिवदीप लांडे ने पीरबहोर इलाके के एक अपराधी का बीच सड़क पर जुलूस ही निकाल दिया था. दरअसल, इस इलाके का एक अपराधी अपने खौफ को बढ़ाने के लिए लगातार आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहा था. लांडे को इस बात की सूचना मिली. तब लांडे ने इस अपराधी को पकड़ा और सरेआम उसका जुलूस राजधानी की सडकों पर ही निकाल कर उस अपराधी की सारी हेकड़ी को निकाल दिया था. दरअसल, लांडे ने इस कार्य के माध्यम से सारे अपराधियों को सुधर जाने का संदेश दिया था.
नकली प्रोडक्ट वालों के खिलाफ नकेल
पटना के सिटी SP रहते शिवदीप लांडे ने नकली प्रोडक्ट बेचने वालों की ऐसी दवाई की थी कि जब तक वह पटना में रहे नकली सामान बनाने वाले अंडरग्राउंड हो गए थे. दरअसल, तब राजधानी के हर गली-चौराहे में नकली सामान की भरमार हो गई थी. इसकी सूचना लांडे को मिली, तब लांडे ने खुद ही सूचना को एकत्र करना शुरू किया और रेड मारने निकल पड़ते थे. लांडे ने अपनी कार्यशैली से नकली प्रोडक्ट बेचने वालों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई की थी कि नकली प्रोडक्ट बेचने वाले केवल शिवदीप लांडे के नाम से ही थर-थर कांपने लगते थे.