दिल्ली कोचिंग हादसे के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार जांच समिति को चार सप्ताह में अंतरिम उपाय पर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. जुलाई में दिल्ली स्थित कोचिंग सेंटर की इमारत के पानी घुसने कारण तीन आईएएस उम्मीदवारों की मौत हो गई थी. यह जांच समिति मौत के कारणों की जांच कर रही है. इसके साथ ही जांच समिति इसकी भी जांच कर रही है कि कैसे इस तरह की घटनाओं को रोका जाए. कोर्ट ने जांच समिति से अगले चार सप्ताह में अंतरिम उपाय देने का निर्देश दिया है.
जस्टिस उज्जल भुइयां और न्यायाधीश सूर्यकांत की पीठ ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली की सरकारों को निर्देश दिया कि दिल्ली कोचिंग सेंटर में घटी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए किए गए क्या उपाय किये जा सकते हैं? क्या विधायी, नीतिगत और प्रशासनिक परिवर्तन हो सकते हैं. इसकी जानकारी कोर्ट को दें.
दो सदस्यीय पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि यदि इस मामले में जरूरत महसूस की गयी तो वे पुराने राजेंद्र नगर जैसी घटनाओं को रोकने के लिए पूरे देश के लिए निर्देश जारी करेंगे.
कोचिंग सेंटर में तीन विद्यार्थियों की हो गई थी मौत
बता दें कि 27 जुलाई को दिल्ली के पुराने राजेंद्र नगर इलाके में राऊ के आईएएस स्टडी सर्किल में हादसा हो गया था. भारी बारिश के बाद पानी बेसमेंट स्थित लाइब्रेरी में घुस गया था, जिससे सिविल सर्विसेस की तैयारी कर रहे तीन विद्यार्थियों की मौत हो गई थी. हादसे में जिन तीन छात्रों की मौत हुई थी, उनमें केरल के नेविन डेल्विन (24) , तेलंगाना की तान्या सोनी (25) और उत्तर प्रदेश की श्रेया यादव (25) शामिल थे.
इस मामले की सुनवाई करते हुए इससे पहले 5 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ऐसा प्रतीत होता है कि कोचिंग सेंटर के मौत के कमरे जैसे बन गये हैं. ये सेंटर छात्रों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. कोर्ट ने इस मामले में केंद्र और दिल्ली सरकार को भी नोटिस जारी किया था.
उच्चतम न्यायलय ने कोचिंग सेंटरों के एक संघ द्वारा दायर याचिका किये जाने पर सुनवाई करते हुए इस मामले का संज्ञान लिया था. इस याचिका दायर कर दिसंबर 2023 के दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें उच्च न्यायालय ने नगर निकायों और शहर की अग्निशमन सेवाओं को सभी कोचिंग सेंटरों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने आदेश दिया था कि ये दोनों यह देखें कि अग्नि सुरक्षा मानदंडों का अनुपालन सही रूप से किया जा रहा है या नहीं.
कोचिंग हादसे की सीबीआई कर रही है जांच
याचिका को तुच्छ बताते हुए उच्चतम न्यायालय ने एसोसिएशन पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया था और याचिका की अपील खारिज कर दी थी. इसमें कहा गया था कि जब तक अग्नि सुरक्षा मानदंडों के साथ-साथ अन्य आवश्यकताओं का अनुपालन नहीं किया जाता है, तब-तक किसी भी कोचिंग सेंटर चलाने की अनुमति नहीं दी सकती.
बाद में उच्च न्यायालय ने कोचिंग सेंटर हादसे में मृत तीन छात्रों की मौत की जांच दिल्ली पुलिस के बदले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को करने का आदेश दिया था, ताकि जांच को लेकर किसी पर कोई संदेह नहीं हो.
इस हादसे के बाद विभिन्न कोचिंग सेंटर सेंटर में पढ़ने वाले विद्यार्थियों ने बेहतर सुरक्षा की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन किया था. निगम की ओर से इस बाबत कार्रवाई की गयी थी और कई कोचिंग सेंटर पर अवैध रूप से बेंसमेंट का इस्तेमाल करने पर पाबंदी भी लगाई गई थी.