मध्य प्रदेश के उज्जैन में श्री महाकालेश्वर मंदिर है. यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु हर दिन बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए देश के कोने-कोने से आते हैं. इस दौरान श्रद्धालु बेसन के लड्डुओं का प्रसाद भी अपने साथ ले जाते हैं. श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति की ओर से ही यह यह प्रसाद श्रद्धालुओं के लिए तैयार किया जाता है.
श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति के सहायक प्रशासक डॉ पीयूष त्रिपाठी ने बताया कि बाबा महाकाल को अर्पित किए जाने वाले इस प्रसाद को पूर्ण शुद्धता से बनाया जाता है. उज्जैन के चिंतामण के पास स्थित एक यूनिट पर बेसन लड्डू बनाए जाते हैं. हर दिन 25 से 30 क्विंटल प्रसाद इस यूनिट पर बनता है, जबकि विशेष पर्वों पर लगभग 50 से 60 क्विंटल लड्डू प्रसाद बनता है.
इस यूनिट में लगभग 60 लोग काम करते हैं, जोकि इस बात का विशेष ध्यान रखते हैं कि प्रसाद बनाने के दौरान कोई भी अशुद्धि न हो. प्रसाद बनाने के पहले सभी कर्मचारियों के हैंडवॉश करवाए जाते हैं. उनके सिर पर टोपी पहनाई जाती है और फिर प्रसाद बनना शुरू होता है. बेसन के लिए चने की दाल खरीदी जाती है. इस दाल को चक्की पर पीसकर बेसन बनाया जाता है.
पहले लेबोरेटरी में जांच होती है
लड्डू निर्माण के दौरान इसमें डाले जाने वाले ड्राई फ्रूट्स ठीक है या नहीं, इसकी भी पहले लेबोरेटरी में जांच होती है. उसके बाद इसे प्रसाद में मिलाया जाता है. श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति के मुताबिक, यह प्रसाद इतना शुद्ध है कि इस प्रसादी के लिए श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति को सेफ भोग अवार्ड के साथ ही फाइव स्टार रेटिंग भी मिल चुकी है.
कितनी है कीमत?
बाबा महाकाल के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को उनकी सुविधा के अनुसार लड्डू प्रसादी उपलब्ध करवाई जाती है. महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन 25 से 30 क्विंटल लड्डू की खपत होती है. दूर-दूर से बाबा महाकाल के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु मंदिर में लगे काउंटर से 100 ग्राम, 200 ग्राम, 500 ग्राम और 1 किलो के पैकेट में यह प्रसादी खरीदते हैं. श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति इस प्रसाद को 400 रुपए प्रति किलो के दाम पर श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराती है.