उत्तर प्रदेश के बिजनौर गुलदारों का आतंक है. गन्ना बाहुल्य क्षेत्रों में इनका आतंक अधिक. आए दिन किसान और उनके जानवर गुलदार का शिकार होते रहते हैं. वन विभाग ने गुलदारों को लेकर अभियान चला रखा है. इनको पकड़ने के लिए गन्ने के खेतों के पास पिंजड़े लगाए जा रहे हैं. हालांकि इन पिंजड़ों में गुदलार भले नहीं कैद हो रहे, बल्कि इनमें रखे गए बकरे जरूर चोरी हो जा रहे हैं. अब तक पांच पिंजड़ों से बकरों की चोरी हो चुकी है.
जिले में वन विभाग ‘ऑपरेशन गुलदार’ चला रहा है. बिजनौर में पिछले डेढ़ साल में 45 लोगों को गुलदार अपना शिकार बना चुके हैं. गुलदारो के हमलों से 100 से अधिक लोग गंभीर घायल भी हो चुके हैं. वन विभाग भी बिजनौर के 100 गांवों को गुलदारों की आवाजाही की वजह से अति संवेदनशील घोषित कर चुका है. 50 गांव ऐसे चिन्हित किए गए हैं, जहां गन्ने के खेतों में गुलदारो ने डेरा जमा रखा है.
खेतों में पिंजड़े रख रहा वन विभाग
गुलदार के खेतों और गांवों में देखे जाने की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीमें वहां पहुंचकर गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजड़ा लगाकर रख देती हैं. जब गुलदार इन पिंजड़ों में फंस जाते हैं तो वन विभाग इन्हें जंगलों में छोड़ देता है. हालांकि अब वन विभाग को गुलदारों के साथ-साथ एक नई चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.
दरअसल, गुलदार को पिंजड़े में कैद करने के लिए चारे के तौर पर बकरी या बकरे को पिंजड़े के एक कोने में बांधा जाता है, जिसकी आवाज और सुगंध से गुलदार बकरी के शिकार करने पिंजड़े तक पहुंच कर कैद हो जाते हैं, लेकिन कुछ इलाकों में पिंजड़े से चोर बकरी ही चुरा कर ले जा रहे हैं.
5 पिजड़ों से बकरे हो गए चोरी
बिजनौर वन विभाग के DFO ज्ञान सिंह ने बताया कि अब तक पांच पिंजड़ों से रात को बकरे चोरी की सूचना मिल चुकी है. चांदपुर वन रेंज के हरिनगर, मुबारकपुर और बिजनौर वन रेंज के रामबाग से पिंजड़ों से बकरे गायब हो चुके हैं. वहां दोबारा बकरे खरीद कर पिंजड़ों में बांधे गए हैं.
वन विभाग ने बनाए ‘वन मित्र’
अब वन विभाग ने गांव-गांव वालिएंटर वन मित्र बनाने शुरू कर दिए हैं. इन वन मित्रों को बाकायदा वर्कशाप ट्रेनिंग भी दी जा रही है, जिससे ये वन मित्र ग्रामीणों को गुलदार से बचाव की टिप्स देने के साथ-साथ पिंजड़ों पर भी नजर रखेंगे.
गन्ने के खेतों में 400 गुलदार
वन विभाग की टीमें करीब 52 गुलदारों को पिंजड़ों में कैदकर जंगलों और चिड़ियाघरों में छोड़ चुकी हैं. बिजनौर DFO ज्ञान सिंह के मुताबिक, करीब 400 गुलदार गन्ना बाहुल्य इलाकों में रह रहे हैं, जो मौका मिलते ही किसानों और उनके जानवरों को शिकार बना लेते हैं.