सोलह श्रंगार कर दुल्हन सी सजी थी सीता स्वरूपा तुलसी जी। लाल चुनरी ओढो तुलसी माता और श्रीराम स्वरूप दूल्हा बने सालिगराम। सतरंगी फूलों से सजे जनमाने से एक तरफ सिर पर पगड़ी सजाए बाराती और दूसरी तरफ थे घराती। वैदिक मंत्रोच्चारण व विधि विधान के साथ जनकपुरी में आज तुलसी सालिगराम का विवाह सम्पन्न हुआ। जनक आवास से श्रीकृष्ण गौशाला में सजे जनमासे में पिता जनक व माता सुनयया (प्रमोद वर्मा, मंजू वर्मा) ढोल नगाड़ों संग तुलसी जी दुल्हन रूप में सजाकर धूमधाम से पहुंचे। साथ में थे झूमते गाते मिथिलावासी व श्रीजनकपुरी महोत्सव आयोजन समिति के पदाधिकारी व सदस्यगण।
तुलसी-सालिगराम विवाह को पूरे विधान के साथ सम्पन्न कराया गया। सतरंगी पुष्पों से जनमासे में सर्वप्रथम पंचदेवों के साथ मां तुलसी व भगवान विष्णु का पूजन किया गया। इसके उपरान्त विधि विधान से विवाह की सभी रीति रिवाज के साथ तुलसी सालिगराम का विवाह सम्पन्न हुआ। फेरों के समय मिथिला की सखियों ने खूब बधाईयां व विवाह के मंगल गीत गाए। राजा जनक व रानी सुनयना संग श्रीजनकपुरी महोत्सव आयोजन समिति के पदाधिकारियों व सदस्यों ने भी बढ़-चढ़ कर कन्यादान लिया। स्वर्ण, परिधान, बर्तन सहित कई उपहार भेंट किए।
विवाह एकादश ब्राह्मणों द्वारा (पूजा प्रभारी आचार्य राहुल रावत, डॉ. देवस्वरूप शास्त्री, पं. राजेश शर्मा, पं. अकुर दत्त गौड़, पं. कपिल शर्मा, पं.कुणाण शर्मा, पं. विजय उपाध्या, पं. बृजगोपाल तिवारी व 11 बटुक ब्राह्ममों) सम्पन्न हुआ। विवाह में राम लीला कमेटी के पुरोहित देव प्रकाश प्रचेता जी संग आयोन समिति के राहुल पवार, दीपक पुण्डीर, संजय अग्रवाल, मनोज उपाध्याय, लिली गोयल, दीपक चतुर्वेदी, रवि नारंग, सुशील रामनानी, विजय अग्रवाल, गौरी उपाध्याय, नीतू अग्रवाल, प्रीति उपाध्याय आदि मौजूद थे।
राजा दशरथ भी परिवार संग मौजूद रहे तुलसी सालिगराम विवाह में
आगरा। सिर पर पगड़ी बांधे बारातियों संग राजा दशरथ, रानी कौशल्या (संतोष शर्मा, ललिता शर्मा) भी अपने परिवार संग तुलसी सालिगराम विवाह में शामिल हुए। रानी कौशल्या ने तुलसी जी के लिए सुहाग पिटारी, साड़ी लहंगा, चुनरी उपहार में दिए। इस अवसर पर प्रखर शर्मा, युक्ति शर्मा भी मौजूद थीं।