मेरठ। भारतीय डाक विभाग में ग्रामीण डाक सेवक (जीडीएस) के पद पर फर्जी मार्कशीट के आधार पर भर्ती कराने वाले सरगना समेत 13 आरोपितों को अलीगढ़ के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के भमोला पुल से गिरफ्तार कर लिया।
पकड़े गए आरोपित अलीगढ़ और झांसी के डाक अधीक्षक से सेटिंग कर भर्ती प्रक्रिया को अंजाम दे रहे थे। डाक अधीक्षक फर्जी कागजाें के सत्यापन कराने के नाम पर एक लाख की रकम प्रत्येक अभ्यर्थियों से वसूली कर रहे थे। आरोपितों के कब्जे से सुभारती विश्विद्यालय समेत चार यूनिविर्सटी के फर्जी प्रमाण पत्र भी मिले है। यह प्रमाण पत्र यूनिसर्विटी से सेटिंग कर तैयार कराए जा रहे थे।
हो चुका है भर्ती का नोटिफिकेशन
बता दें कि जीडीएस भर्ती का नोटिफिकेशन 15 जुलाई को हो चुका है। भर्ती की मेरिट लिस्ट 23 अगस्त को लगाई गई थी। मेरठ पुलिस लाइंस स्थित संभागार में प्रेस कांफ्रेंस में एएसपी बृजेश सिंह ने बताया कि भारतीय डाक विभाग में “ग्रामीण डाक सेवक के पद पर भर्ती प्रत्येक अभ्यार्थी से गिरोह के सदस्य चार से पांच लाख की रकम ले रहे थे। गिरोह के सदस्य ही अभ्यार्थी के लिए सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ, राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय, बिहार शिक्षा बोर्ड पटना की मार्कशीट तैयार करते है। डाक विभाग में अभ्यार्थी की वेरीफिकेशन के लिए डाक अधीक्षक संजय कुमार सिंह को विकल यादव के माध्यम से प्रत्येक अभ्यार्थी के एक लाख की रकम देते थे।
मैनपुरी में पोस्टमैन है विकल यादव
विकल यादव मैनपुरी में पोस्टमैन है, जो डाक अधीक्षक की गाडी चलाता है। बाकी तीन लाख की रकम आपस में बांट लेते है। सोमवार को अलीगढ़ कुछ अभ्याथियों के वेरीफिकेशन के संबंध में बात करने के लिए एकत्र हुए थे। साथ ही सोमवार को विकल यादव के माध्यम से पांच अभ्यार्थियों का सत्यापन भी कराया। दो का सत्यापन करने के लिए मंगलवार का दिन नियत किया गया।
गिरोह का सरगना है साजिद अली
गिरोह का सरगना साजिद अली फर्जी मार्कशीट तैयार करता है, उसकी मुलाकात तत्कालीन डाक अधीक्षक मैनपुरी देवेन्द्र कुमार सिंह से हुई थी, जो हाल में झांसी में तैनात है। साजिद लगातार देवेंद्र से मिलने घर और आफिस जाता था। अलीगढ़ के डाक अधीक्षक संजय कुमार सिंह पूर्व में मैनपुरी में नियुक्त रह चुके है, इनकी गाडी भी विकल यादव चलाता था, इसलिये वह इनसे पूर्व से ही परिचित था। साजिद ने उसे डाक विभाग में सत्यापन के लिए प्रत्येक अभ्यर्थी एक लाख की रकम तय की थी। साजिद के कहने पर संजय कुमार काफी अभ्यर्थियों का सत्यापन करा चुके है।
सुभारती समेत सभी यूनिवर्सिटी के रिकॉर्ड में चढ़ाए जाते थे फर्जी प्रमाण पत्र
साजिद ने बताया कि वह विभिन्न सुभारती समेत कई विश्वविद्यालयों की फर्जी मार्कशीट तैयार कर उनका ऑनलाइन रिकॉर्ड यूनिवर्सिटी में चढ़वा देता था। विकास निवासी चिरंजीव बिहार जनपद गाजियाबाद से बनवाकर साफ्ट काफी अपने वाट्सएप पर मंगवाता था, जिसका प्रिंट विकास और आदिल निवासी ढक्का थाना सैदनगली जनपद अमरोहा से कराता था।
फर्जी मार्कशीट का ऑनलाइन डेटा साहिल निवासी लुधियाना पंजाब से फीड कराता था। सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ, राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय, बिहार शिक्षा बोर्ड पटना की मार्कशीट व आनलाईन डेटा रिकार्ड में रविन्द्र से फीड कराता था। दीपक पुत्र जयवीर सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ की फर्जी मार्कशीट तैयार करने में मदद करता था। शाकिब व गिरोह के अन्य सदस्य अभ्यार्थी लाते है।
ये हैं गिरफ्तार आरोपित
साजिद अली पुत्र इरफान अहमद निवासी धारावसी अमरोहा, साकिब पुत्र आरिफ निवासी ग्राम वेट थाना सिमरावली हापुड़, वीकल यादव पुत्र रविंद्र यादव निवासी भानपुरा थाना सिरसागंज फिरोजाबाद, अभिषेक चौधरी पुत्र विजेंद्र सिंह निवासी गंगोड़ा जट थाना हल्दौर बिजनौर, सुमित चौधरी पुत्र विजय सिंह निवास ए बहापुर थाना कोतवाली बिजनौर, प्रनफुल चौधरी पुत्र अशोक कुमार निवासी गंगोड़ागढ़ थाना इंदौर बिजनौर, हेमंत कुमार पुत्र देवेंद्र सिंह निवासी ग्राम मिर्जापुर महेश थाना कोतवाली बिजनौर, अहम मिश्रा पुत्र जगन्नाथ मिश्रा निवासी ग्राम मदार गेट मोहल्ला मैनपुरी, प्रशांत कुमार पुत्र नेपाल सिंह निवासी ग्राम बहजोई संभल, गौरव चौधरी पुत्र शिवपाल सिंह निवासी ग्राम बांकपुर बिजनौर, हासिम पुत्र अनवर खान निवासी ग्राम अकराबाद थाना आगराबाद अलीगढ़, आसिफ पुत्र बासागर निवासी डासना थाना मसूरी गाजियाबाद और सोहेल पुत्र सलीम निवासी बहजोई संभल।