रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मॉनेट्री पॉलिसी कमेटी (MPC) में बदलाव किए गए हैं. देश में ब्याज दरों को तय करने की जिम्मेदारी इसी महत्वपूर्ण समिति की होती है. इस कमेटी में 6 सदस्य होते हैं. इनमें से 3 आरबीआई के मेंबर होते हैं. इसके अलावा 3 की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाती है. एमपीसी की अक्टूबर की शुरुआत में होने जा रही महत्वपूर्ण बैठक से पहले यह बड़ा बदलाव किया गया है. इस बार की एमपीसी में प्रोफेसर राम सिंह (Ram Singh), सौगात भट्टाचार्य (Saugata Bhattacharya) और डॉक्टर नागेश कुमार (Nagesh Kumar) को शामिल किया गया है.
4 साल के लिए रहेंगे MPC का हिस्सा
केंद्र सरकार ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट, 1934 (Reserve Bank of India Act) के तहत मिली शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह बदलाव किया है. अब एमपीसी में आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das), मॉनेट्री पॉलिसी के इंचार्ज डिप्टी गवर्नर, रिजर्व बैंक का एक अधिकारी, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (Delhi School of Economics) के डायरेक्टर प्रोफेसर राम, जाने माने अर्थशास्त्री सौगात भट्टाचार्य और इंस्टिट्यूट फॉर स्टडीज इन इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट (Institute for Studies in Industrial Development) के नागेश कुमार शामिल होंगे. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास इस समिति के चेयरपर्सन होंगे. केंद्र सरकार के आदेश के अनुसार, यह सभी 4 साल के लिए इस पद पर रहेंगे.
7 तारीख से मॉनेट्री पॉलिसी कमेटी की बैठक
इस महीने की 7 तारीख से मॉनेट्री पॉलिसी कमेटी की बैठक शुरू होगी. इसका नतीजा 9 अक्टूबर को आने वाला है. ऐसा माना जा रहा है कि आरबीआई इस बार ब्याज दरों में कमी करके खुशखबरी दे सकता है. यूएस फेड रिजर्व ने पहले ही ब्याज दरें कम कर दी हैं. साथ ही संकेत दिया है कि वह 2025 में भी ब्याज दरें घटाते रहेंगे. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास भी फेड रिजर्व की तरह यह फैसला ले सकते हैं. हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा भी किया गया है कि शक्तिकांत दास फिलहाल ब्याज दरों पर फैसला न लेकर दिसंबर में होने वाली एमपीसी बैठक तक इसे टाल सकते हैं.