आगरा के थाना खंदौली क्षेत्र के गांव सैमरा में 90 वर्षीय वृद्ध पिता की मौत के बाद इकट्ठे हुए दो भाईयो के बीच अंतिम संस्कार को लेकर रार फैल गई. एक भाई व भतीजे वृद्ध का अंतिम संस्कार अपने पैतृक गांव में सेहत (मथुरा) कराने की जिद कर रहे थे तो वहीं दूसरा भाई गांव सैमरा में ही पिता का अंतिम संस्कार करने की जिद पर अड़ गया था. उसने कहा कि पिता की अंतिम इच्छा थी कि उनका अंतिम संस्कार सैमरा में हो. इसी बात को लेकर दोनो पक्ष में विवाद इतना हो गया कि एक पक्ष ने उस पर बाबा की हत्या करने का आरोप लगा कर इसकी सूचना 112 पर दे दी. हत्या की सूचना पर पुलिस गांव पहुंंच गई. हंगामा होने पर पुलिस दोनों पक्ष को थाने लेकर पहुंची. मामला उलझता देख प्रभारी निरीक्षक खंदौली राकेश कुमार चौहान की उपस्थिति में श्रीमद भागवत गीता पर हाथ रखकर कसम खाई कि उसने पिता की हत्या नहीं की है और पिता की इच्छा थी कि उनका अंतिम संस्कार सैमरा में ही हो. इसके बाद दूसरा पक्ष संतुष्ट हुंआ और करीब चार घंटे की देरी के बाद वृद्ध का अंतिम संस्कार गांव सैमरा में किया गया.
गांव सेहत (मथुरा) के मूल निवासी डालचंद्र सविता (90) वर्ष के तीन पुत्र थे। इनके तीन बेटे यादराम, हाकिम सिंह और छोटा बेटा टीकाराम है. बीच के बेटै हाकिम की मौत हो चुकी है. छोटा बेटा टीकाराम वर्षों पहले अपने साढू नरेश के यहां रहने आ गया. उसके साथ उसके पिता डालचंद भी यहां आकर रहने लगे. वहीं बड़ा भाई यादराम और हाकिम के बेटै गांव सेहत मथुरा में ही रहते हैं. बीमारी के चलते सोमवार को डालचंन्द्र की मृत्य हो गई. सूचना पर बेटा यादराम अपने और हाकिम के परिवार के साथ गांव सैमरा पहुँच गया. लेकिन यहां दोनों पक्ष में अंतिम संस्कार गांव सेहत व गांव सैमरा में करने को लेकर रार फैल गई.
विवाद होने पर हाकिम के बेटों ने इसकी सूचना 112 पर दे दी और कहा कि चाचा टीकाराम द्वारा बाबा डालचंद की हत्या कर दी गई है. सूचना पर थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई. हंगामा होने पर पुलिस दोनों पक्ष को थाने पर लेकर पहुंची थाने में प्रभारी निरीक्षक खंदौली राकेश कुमार चौहान की उपस्थिति में छोटे बेटे टीकाराम ने रोते हुए बताया कि पिता ने मरने से पूर्व उससे कहा था कि उसका अंतिम संस्कार गांव सैमरा में ही करना. लेकिन यादराम और उसके परिवार के लोग उसे झूठा बता रहे थे.
इसपर श्रीमद भागवत गीता मंगाकर टीकाराम से कसम खाने के लिये कहा. टीकाराम ने श्रीमद भागवत गीता पर हाथ रख कर कसम खाई जिसके बाद बड़ा भाई यादराम और उसके भतीजे मान गये। बाद में पुलिस को समझौता लिखकर दिया और अंतिम संस्कार के लिए गांव सैमरा चले गये जंहा 4 घंटे देरी के बाद डालचंन्द्र का अंतिम संस्कार हुआ.
प्रभारी निरीक्षक खंदौली राकेश कुमार चौहान ने बताया की पिता के अंतिम संस्कार को लेकर एक भाई ने 112 पर हत्या की सूचना दे दी थी थाने पर परिजनों के सामने छोटे बेटे टीकाराम ने पिता की अंतिम की कसम श्रीमद भागवत गीता पर हाथ पर रखकर कसम खाई इसके बाद परिजनों को विश्वास हुआ दोनों पक्ष ने समझौता लिखकर दे दिया.