आगरा में पुलिस कमिश्नरी का गठन करीब दो साल पहले हुआ था, लेकिन इसके बावजूद कई थाना क्षेत्रों में पुलिस की कार्यशैली में कोई सुधार नहीं दिख रहा है। हाल ही में एक महिला के साथ छेड़छाड़ के मामले में पुलिस की अनदेखी की एक घटना सामने आई है। इसके अलावा, थाना फतेहपुर सीकरी क्षेत्र में दलित बच्चों की पिटाई का मामला भी चर्चा में रहा। इस बार भी जब पीड़ित महिला ने थाने के चक्कर काटे और न्याय नहीं मिला, तो उन्होंने हार्थक करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों से गुहार लगाने का निर्णय लिया। अंत में आगरा पुलिस कमिश्नरी के पश्चिमी जोन के उच्च अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद 8 दिन बाद पीड़िता का अभियोग दर्ज किया गया।
धमकी देकर भागा आरोपी
बताया जा रहा है कि 26 सितंबर को जब फतेहपुर सीकरी के एक गांव में महिला अपने खेत में वन कपास तोड़ रही थी। उसी दौरान गांव के ही दबंग हरी सिंह पुत्र किशन सिंह ने महिला को दबोच लिया और छेड़छाड़ करने की कोशिश की। महिला ने किसी तरह खुद को छुड़ाया और शोर मचाने पर नजदीक के खेतों में काम कर रहे अन्य लोगों के आने से आरोपी मौके से भाग गया। बताया जा रहा है कि भागते समय आरोपी ने पीड़िता को जान से मारने की धमकी भी दी थी पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप
पीड़िता ने तुरंत थाना फतेहपुर सीकरी में अपनी शिकायत दर्ज कराई, लेकिन स्थानीय पुलिस ने मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। आठ दिनों तक पीड़ित महिला उच्च अधिकारियों के पास न्याय की मांग करती रही। अंत में डीसीपी के आदेश पर थाना फतेहपुर सीकरी में अभियोग दर्ज किया गया और मामले की जांच आरंभ की गई पुलिस की जांच प्रक्रिया पर उठे सवाल
फतेहपुर सीकरी पुलिस की लगातार दो प्रकरणों में लापरवाही देखने को मिली है। जिससे अब क्षेत्रीय जनता पुलिस की जांच प्रक्रिया पर सवाल उठा रही है। अगर पीड़ितों को मुकदमा दर्ज कराने के लिए इतना भटकना पड़ रहा है। जब पीड़िता को प्राथमिकी दर्ज कराने में संघर्ष करना पड़ा तो विवेचना की गुणवत्ता किस तरह की होगी यह एक समझा जा सकता है।