क्या अस्पताल में इलाज के दौरान हुई महिला की मौत की होगी दोबारा जांच –परिजनों में संशय
हमीरपुर :– मौजूदा समय मे जनपद की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमराईं हुईं हैं। विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की मिली भगत से प्राईवेट और अवैध रूप से चल रहे अस्पतालों में झोलाछाप डाक्टरों द्वारा विभागीय अधिकारियों को सुविधा शुल्क पहुंचाने के कारण शिकायतों के बाद भी यह झोलाछाप चिकित्सक अधिकारियों के कृपापात्र बने हुए हैं। ऐसे ही एक अस्पताल में झोलाछाप चिकित्सक के इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई जबकि इसी अस्पताल की नामजद शिकायत दो महीने पहले ग्रामीणों ने की थी लेकिन मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जांच के बाद भी कार्यवाही नहीं की जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।वहीं सदर विधायक मनोज प्रजापति द्वारा बार बार शिकायतों के बाद भी मुख्य चिकित्सा अधिकारी की कार्यशैली में बदलाव नहीं होना व्याप्त भ्र्ष्टाचार की ओर खुला इशारा करता है।
बीते दो महीने पहले ग्रामीण गंगादीन के नेतृत्व में लगभग एक दर्जन से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर कर महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य उत्तर प्रदेश को लिखित शिकायत की थी और बताया था कि कस्बे के गल्ला मण्डी गेट के सामने सारा क्लीनिक एण्ड हेल्थ केयर व स्टैंडर्ड पैथोलॉजी फर्जी तरीके से संचालित हो रही है जिसको डा.अफजाल अहमद और डा.वकार अहमद द्वारा संचालित किया जा रहा है।जिसमें संचालक चिकित्सकों पर तरह तरह के आरोप लगाए गए थे।उक्त शिकायती पत्र के मामले में जिले के अधिकारियों द्वारा जांच की गई थी लेकिन जांच के बाद स्थिति वही ढाक के तीन पात हो गई।
बताते चलें कि मंगलवार दोपहर इमिलिया निवासी एक महिला की उसी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत होने के बाद मामला एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया इतना ही नहीं इस बार तो अस्पताल संचालकों ने खबर बनाने गए पत्रकारों से भी धक्का मुक्की करने का काम किया।जबकि मृतका के परिजनों और अस्पताल संचालकों के बीच मामले को सुलटाने की पुरजोर कोशिश की जा रही हैं जिसके चलते अभी तक मृतका के परिजनों द्वारा कोई भी शिकायत नहीं दर्ज कराई गई है।
वहीं सबसे चर्चित बात यह है कि बीते कुछ समय पहले सदर विधायक डा.मनोज कुमार प्रजापति ने मौदहा क्षेत्र के अवैध अस्पतालों के मुद्दे को जमकर उठाया था लेकिन सूत्रों की माने तो मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सत्ता के एक मंत्री का संरक्षण प्राप्त होने के कारण विधायक की भी नहीं चली और मुख्य चिकित्सा अधिकारी की मनमानी जारी है।और उम्मीद जताई जाती है कि इस बार भी जांच में गांधी की आंधी चलने की उम्मीद है।