मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या मामले में मुंबई पुलिस को अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है. मुंबई पुलिस ने बताया कि शुभम लोनकर के 28 वर्षीय भाई प्रवीण लोनकर को पुणे से गिरफ्तार किया गया है. प्रवीण ने शुभम लोनकर के साथ मिलकर धर्मराज कश्यप और शिवकुमार गौतम को हत्या की साजिश में शामिल किया था.
इससे पहले, पुलिस ने बाबा सिद्दीकी हत्या मामले में चौथे आरोपी के रूप में मोहम्मद जीशान अख्तर की पहचान की थी. पुलिस के मुताबिक जीशान पंजाब के जालंधर का रहने वाला है. वह इसी साल जून में पटियाला जेल से रिहा हुआ था. पटियाला जेल में कैद के दौरान वह लॉरेंस बिश्नोई गैंग के अपराधियों के संपर्क में आया था
शनिवार रात को मुंबई के बांद्रा में बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया था. रविवार को दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया. अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने दो आरोपियों में से एक को 21 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया.
वहीं, दूसरे आरोपी धर्मराज कश्यप को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है, क्योंकि उसने खुद को नाबालिग बताया है. धर्मराज कश्यप की वास्तविक उम्र का पता लगाने के लिए बोन ऑसिफिकेशन टेस्ट कराया जाएगा. अदालत ने इसकी मंजूरी दे दी है.
पूर्व विधायक बाबा सिद्दीकी की शनिवार रात गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मुंबई पुलिस ने अब तक हत्या में शामिल चार आरोपियों की पहचान की है. पुलिस ने जिन दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनमें गुरमेल सिंह और धर्मराज कश्यप हैं. दो अन्य आरोपी शिव कुमार गौतम और मोहम्मद जीशान अख्तर फरार हैं. मुंबई पुलिस ने दोनों को पकड़ने के लिए 10 टीमें गठित की हैं.
बाबा सिद्दीकी को वाई कैटेगरी सुरक्षा नहीं मिली थी…
बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि एनसीपी नेता को वाई कैटेगरी सुरक्षा नहीं मिली हुई थी. मुंबई पुलिस ने इस दावे का खंडन किया और कहा कि बाबा सिद्दीकी को वाई लेवल की सुरक्षा नहीं मिली थी.
पुलिस ने कहा कि फिलहाल क्राइम ब्रांच मामले की जांच कर रही है. गिरफ्तार दो आरोपियों के पास से दो पिस्तौल और 28 कारतूस बरामद किए गए हैं. पुलिस जांच कर रही है कि लॉरेंस बिश्नोई इस गिरोह में शामिल है या नहीं. पुलिस ने कहा कि बाबा सिद्दीकी की सुरक्षा में तीन पुलिसकर्मियों को लगाया गया था. बाबा के पास किसी कैटेगरी की सुरक्षा नहीं थी. घटना के समय एक पुलिसकर्मी वहां मौजूद था.