उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (यूपीएमआरसी) ने “अर्बन इंफ्रा बिजनेस समिट एंड अवार्ड्स 2024” में अपनी महत्वपूर्ण उपलब्धियों के लिए दो प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त किए। यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार को “अर्बन इंफ्रा मेट्रो मैन ऑफ द ईयर 2024” पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पुरस्कार वितरण समारोह 16 अक्टूबर 2024 को नई दिल्ली में आयोजित किया गया। बता दें कि यूपीएमआरसी ने लखनऊ एवं कानपुर के बाद आगरा में भी निर्धारित समय से 6 माह पूर्व मेट्रो सेवा प्रदान कर की। इसके साथ पर्यावरण संरक्षण हेतु यूपी मेट्रो द्वारा किए गए कार्यों के लिए आगरा मेट्रो के स्टेशनों को ग्रीन बिल्डिंग सर्टिफिकेशन भी मिला है।
बता दें कि इस आयोजन में यूपीएमआरसी को “अर्बन इंफ्रा सस्टेनेबल मोबिलिटी प्रमोटर ऑफ द ईयर” के प्रतिष्ठित पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया, जो ग्रीन इनिशिएटिव्स के तहत पर्यावरण के अनुकूल परिवहन साधनों को बढ़ावा देने के लिए दिया गया है। गौरतलब है कि यूपी मेट्रो एनर्जी एक्सचेंज कार्यक्रम में भाग लेने वाला राज्य का पहला संगठन है, जिसने पिछले 1.5 वर्षों में 4 करोड़ रुपये की बिजली की बचत की है। साथ ही यूपीएमाआरसी ने 1.1 लाख वर्ग मीटर का विशाल ग्रीन कॉरिडोर का भी निर्माण किया है।
इसके साथ ही, प्रबंध निदेशक को कानपुर और आगरा मेट्रो परियोजनाओं के तेजी से निर्माण कार्य के लिए पुरस्कृत किया गया है। यूपीएमआरसी ने आई.आई.टी कानपुर से मोतीझील के बीच 9 किमी. प्राथमिक कॉरिडोर पर 28 दिसंबर 2021 को 2 साल 1.5 महीने के रिकॉर्ड समय में यात्री सेवाओं का शुभारंभ किया। साथ ही आगरा मेट्रो ने 11 महीने के रिकॉर्ड समय में 6 किलोमीटर लंबी अंडरग्राउंड टनल का काम पूरा करने के साथ, केवल 23 महीनों में भारत और दुनिया में सबसे तेजी से अंडरग्राउंड मेट्रो सेक्शन के निर्माण और कमीशनिंग का गौरव हासिल किया। प्रबंध निदेशक सुशील कुमार की दूरदृष्टि और नेतृत्व में कानपुर के 32.04 किमी लंबे दो कॉरिडोर एवं आगरा मेट्रो के 29.4 किमी. लंबे दोनों कॉरिडोर पर निर्माण कार्य तेजी से जारी है।
इस मौके पर एमडी सुशील कुमार ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह पुरस्कार यूपीएमआरसी के कर्मचारियों की लगन एवं निष्ठा का प्रतीक है। हम कानपुर एवं आगरा के बैलेंस सेक्शन पर तेजी से निर्माण कार्य कर रहे हैं और बहुत जल्द यहां की जनता को संपूर्ण कॉरिडोर पर मेट्रो की सुविधा मिलेगी। इन शहरों में दोनों कॉरिडोर के निर्माण के बाद एक तरफ सड़क से यातायात पर दबाव कम होगा वहीं प्रदूषण में भी भारी कमी आएगी। यूपीएमआरसी ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं और भविष्य में इस ओर भी प्रयास किए जाएंगे।